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फेमस Youtuber की बेटी की सगाई में दिखा PM की अपील का असर, थाली में परोसे गए मोटे अनाज के पकवान,टूट पड़े मेहमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया गया तो उनके आह्वान पर अब लोगों ने इसे अपनाना आरंभ कर दिया है। चर्चित यूट्यूबर ने बेटी की सगाई में मोटे अनाजों से बने पकवान प्रस्तुत किए।

By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Thu, 18 May 2023 02:05 PM (IST)
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अनूठे व्यंजनों से रिश्तों में आई खिलखिलाहट: बाजरे के लड्डू से दूल्हे का मुंह मीठा
 जागरण संवाददाता, वाराणसी : सगाई के मौके पर भावी दुल्हन ने होने वाले पति को ज्वार और बाजरे का लड्डू खिलाकर मुंह मीठा कराया तो कन्या के पिता ने भावी समधी व समधन को को सांवां/ झंगोरा की खीर पेश की। इन अनूठे व्यंजनों से रिश्ते में खिलखिलाहट के साथ मिठास और बढ़ गई। मांगलिक कार्यक्रम में श्रीअन्न के पकवान बनवाकर कन्या पक्ष ने मोटे अनाजों को थाली में शामिल करने का संदेश दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर वर्ष 2023 अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया गया तो उनके आह्वान पर अब लोगों ने इसे अपनाना आरंभ कर दिया है। बुधवार को रिंगरोड सिंधोरा कट स्थित सद्गुरु फैमिली रेस्टोरेंट में जब सामाजिक कार्यकर्ता व चर्चित यूट्यूबर ब्रजभूषण दूबे ने अपनी बेटी प्राची की सगाई में अतिथियों को मोटे अनाजों से बने पकवान प्रस्तुत किए तो सभी पारंपरिक मिठाइयों व पकवानों को छोड़ उन्हीं पर टूट पड़े।

प्राची भी यूट्यूबर हैं। उनकी सगाई प्रयागराज निवासी फौजी छोटेलाल दुबे के बेटे प्रवीण से हुई। प्रवीण एयरटेल में मैनेजर हैं। सगाई में मेहमानों के लिए रागी (मड़ुआ) और बाजरा की रोटी, ज्वार तथा बाजरे का का लड्डू, सांवां की खीर एवं कोदो की रोटी शामिल थी।

बावर्चियों ने खड़े किए हाथ तो घर की महिलाओं ने संभाली रसोई

इन पकवानों को बनाने के नाम पर रेस्टारेंट के बावर्चियों ने हाथ खड़े कर दिए तो प्राची की मां रंजना, पड़ोस व घर की महिलाओं ने जिम्मा संभाला और 100 लोगों का नाश्ता-भोजन तैयार कर दिया। प्राची ने कहा कि हमारी रसोई में पहले से ही मोटा अनाज शामिल है। मैं ससुराल जाकर वहां भी मिलेट्स को बढ़ावा दूंगी। भोजन व नाश्ता कास व सरपत की डलिया तथा मिट्टी के बर्तन में परोसा गया। लड्डू बनाने में देसी गुड़ एवं देसी घी का प्रयोग किया गया था।

उत्तराखंड से मंगाए गए अनाज

प्राची के पिता ब्रजभूषण दुबे ने बताया कि ज्वार और बाजरा तो अपने जिले गाजीपुर में गंगा के किनारे वाले गांव से मंगाया था जबकि सावां, कोदो और मंड़ुवा उत्तराखंड से मंगाया गया था। ज्वार बाजरा 35 से 40 रुपये किलो तक मिल जाता है वहीं मड़ुवा और सावां उत्तराखंड से मंगाने पर 100 रुपये किलो से कम ही पड़ा। इस तरह से यह छेना के रसगुल्ला और गुलाब जामुन से सस्ता पड़ा। इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं हैं।

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