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Paper Leak Case: जौनपुर के इस थाने में हिस्ट्रीशीटर हैं विधायक बेदी राम, सपा-बसपा के शासनकाल में बनाई थी अकूत संपत्‍त‍ि

जखनियां विधानसभा के सुभासपा विधायक बेदी राम का एक वीडियो तेजी से प्रसारित हो रहा है जिसमें वह राजस्थान मध्यप्रदेश तेलंगाना सहित कई राज्यों में आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में एक साथ कई परीक्षार्थियों को पास कराने का दावा कर रहे हैं। एक टीवी चैनल के स्टिंग आपरेशन में एक व्यक्ति ने विधायक का नाम लिया है। विधायक से बातचीत का भी वीडियो खूब प्रसारित हो रहा।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Sun, 30 Jun 2024 08:34 AM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2024 08:34 AM (IST)
विधायक बेदी राम के नाम पर घमासान मचा हुआ है। जागरण

 जागरण टीम, वाराणसी। देशभर में जितना पेपर लीक का मामला गर्म है, उतनी ही चर्चा इस समय प्रदेश में सुभासपा विधायक बेदी राम की भी तेज है। जबसे प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने का दावा करते उनका वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हुआ है, गाजीपुर के जखनियां से विधायक बेदी राम के नाम पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है।

विधायक के बारे में एक और जानकारी सामने आई है कि वह जौनपुर जिले के जलालपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर भी हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन से विधायक बनने के बाद कुछ माह बाद ही योगी शासन में बेदी राम पर शिकंजा कसा और उनकी हिस्ट्रीशीट खोली गई थी।

दूसरी ओर, विधायक का कहना है कि उनके खिलाफ अधिकतर मामले खत्म हो चुके हैं। उनकी गिरफ्तार की झूठी खबरें चलाई जा रही हैं। उनको बदनाम करने की साजिश विरोधियों ने की है। कभी रेलवे में टीटीई रहे बेदी राम ने सपा-बसपा शासनकाल में जौनपुर से लेकर लखनऊ तक अकूत संपत्ति अर्जित की।

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एसटीएफ ने 2014 में सपा की सरकार में बेदी राम की गिरफ्तारी के बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने की रिपोर्ट शासन को सौंपी थी। उस समय बेदी राम पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल माफिया के आरोपों का दाग लगाए बेदी राम राजनीति में आगे बढ़ता गया।

पत्नी बदामा देवी जलालपुर का ब्लाक प्रमुख बनाने के बाद खुद भी विधायक बन गया। 2022 में दोबारा योगी सरकार बनने पर जून में तत्कालीन एसपी अजय कुमार साहनी के निर्देश पर बेदी राम की जलालपुर थाने में हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। जलालपुर थाने में उनके विरुद्ध 2021 में बलवा, मारपीट, गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था।

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इसके साथ ही राजस्थान के जयपुर, मध्य प्रदेश के भोपाल, लखनऊ के कृष्णानगर, गोमती नगर, आशियाना और जौनपुर के मड़ियाहूं कोतवाली में धोखाधड़ी, जालसाजी, परीक्षा अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट, साजिश रचने आदि धाराओं में आठ अन्य मुकदमे दर्ज हैं।

हिस्ट्रीशीट में साथियों के रूप में बेदी राम के कुसिया गांव के ही ओमप्रकाश प्रजापति, उसके भाई रतन लाल प्रजापति व शिव बहादुर सिंह का नाम भी है। जौनपुर के एसपी डा. अजय पाल शर्मा का कहना है कि बेदी राम हिस्ट्रीशीटर है, लेकिन उसके खिलाफ जांच का मामला अभी संज्ञान में नहीं है।

पैतृक आवास और कार्याल में लटका ताला

जलालपुर के कुसिया गांव में नहर के किनारे बेदी राम का मकान है, जिस पर ताला लगा है। दो मंजिला मकान में कई दुकानें हैं, जो किराये पर दी गई हैं। ऊपर के तल के दो कमरों का उपयोग बेदी राम करते हैं।

विधायक के प्रसारित वीडियो को लेकर गांव के लोगों ने कहा कि कोई नई बात नहीं है। अब तक न जाने कितने लोगों को वह नौकरी दिला चुका है। उधर, गाजीपुर जिले के हंसराजपुर में चुनाव के दौरान बनाए गए बेदी राम के कार्यालय में भी वीडियो सामने के बाद ताला लटका है।

विधायक बेदी राम ने कहा कि मेरे खिलाफ सभी आरोप निराधार हैं। इंटरनेट मीडिया पर लेनदेन की पंचायत का वीडियो एडिट कर दुष्प्रचार किया जा रहा है। अन्य प्रांतों में पेपर लीक के दर्ज मामलों में अधिकतर जांच के दौरान खत्म हो गए हैं। जो बचे हैं, उनमें कोई साक्ष्य नहीं है।


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