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MLA का रिपोर्ट कार्ड : वाराणसी के पिंडरा को अब तक नाली, खड़ंजा, सड़क और पानी का इंतजार

वाराणसी के पिंडरा विधानसभा क्षेत्र की जनता प्यासी है हलक सूखे हैं खेतों तक नहरों का पानी नहीं पहुंचता भूगर्भ जल से फसलों की प्यास भी नहीं बुझती। अनाज उत्पादन में लागत भी बढ़ जाती है। गांवों की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Wed, 01 Sep 2021 01:36 PM (IST)
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अवधेश सिंह, विधायक विधानसभा क्षेत्र , वाराणसी
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पिंडरा विधानसभा क्षेत्र की जनता प्यासी है, हलक सूखे हैं, खेतों तक नहरों का पानी नहीं पहुंचता, भूगर्भ जल से फसलों की प्यास भी नहीं बुझती। अनाज उत्पादन में लागत भी बढ़ जाती है। गांवों की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। घरों तक जा रही पगडंडी भी कच्ची है। लोग खड़ंजा की बाट जोह रहे हैं। हर घर नल की योजना भी सपना ही बनी हुई है। गांव के कुएं व हैंडपंपों से हलक गीले हो रहे हैं। फिर भी विधायक जी से कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने तो पहले ही कह दिया था कि 'हम वैसे विधायक नहीं हैं जो नाली, खड़ंजा, सड़क व पानी के लिए काम करेंगे।

हम तो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय योजनाओं के लिए प्रयास करेंगे। अब जनाब को कौन बताए कि ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए मूलभूत सुविधाएं कितनी अहम होती हैं। बड़ागांव, पिंडरा, फूलपुर जैसे कस्बे-बाजारों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर गांव जल निगम की पेयजल योजना से महरूम हैं। विधायक जी का दावा सड़कों को चमाचम करने का है, लेकिन हकीकत यह है कि ग्रामीणों को याद नहीं कि बीते चार सालों में उनके गांव से गुजरने वाली मुख्य सड़क कब बनी थी। हकीकत बयान करता है बसनी बाजार, बड़ागांव से साधोगंज मार्ग, भिटी से बलरामपुर, पचरासी से बसनी, करमपुर से बहनी, बड़ागांव से कुंआर गांव, पिंडरा कठिरांव, फूलपुर से सिंधोरा, फूलपुर से करखियांव, पिंडरा से ओदार, पिंडरा से बेलवां, फूलपुर से सुरहीं, फूलपुर से देवापुर, खालिसपुर से ऊदपुर व मंगारी से ओदार से सिंधोरा मार्ग जो चलने लायक तक नहीं है।

पिंडरा से फूलपुर बाजार पुराना हाईवे के लिए एक करोड़ 33 लाख का प्रस्ताव बना था। एक साल हो गए, लेकिन सड़क नहीं बनी। धनराशि कहां गई, इसका भी पता नहीं। सिंचाई के लिए एक मात्र साधन शारदा सहायक नहर है जिसमें पानी कब आता है किसानों को भी नहीं पता है। यह नगर पिंडरा विस क्षेत्र के छोटे से इलाके को आच्छादित करता है। बड़ागांव में जल निकासी सिस्टम ध्वस्त है। दो किमी लंबाई में बसे बाजार में पानी जमा हो जाता है। दुर्गंध भी उठती है। इलाके के सभी घरों में दूषित पानी की आपूर्ति होती है। समस्या से निजात के लिए विधायक से कई बार गुहार लगाई गई है। जल निगम के अफसरों से भी शिकायत हुई है। इसके बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ। चौराहे पर सोलर लाइट लगा है, लेकिन उसे संरक्षित करने की दिशा में प्रयास नहीं दिखा। बैटरी चोरी हो गई है। रात में अंधेरा रहता है। इलाके में पहले राजकीय जूनियर कन्या विद्यालय संचालित होता था जो वर्तमान में बंद हो गया। अब बालिकाएं प्राइवेट स्कूल में पढऩे जाती हैं।

विकास कार्य के बड़े दावे

पिंडरा में राजकीय आइटीआइ, अटल आवासीय विद्यालय, बड़ागांव ट्रामा सेंटर हास्पिटल, पिंडरा फायर स्टेशन, सिंधोरा थाना, मंगारी रेलवे ओवरब्रिज, सैंकड़ों सड़कें, महापुरुषों व शहीदों के स्मृति में स्मृति द्वार, कैथौली फूलपुर मार्ग मय नाला निर्माण, 4.5 करोड़ से मां नकतेश्वरी देवी व 4.5 करोड़ से मां भद्रकाली सरावा मंदिर का सुंदरीकरण, रमईपुर दुर्गा मंदिर कायाकल्प कार्य, कपसेठी बाबतपुर मार्ग मुआवजा 250 करोड़, फूलपुर-सिंधोरा मार्ग, कठिरांव मिरासाह मार्ग चौड़ीकरण, मंगारी बाजार सीसी रोड, कोरोना काल में प्रतिदिन क्षेत्र में रहे सभी जरूरतमंदों को राशन। चार दिन पूर्व नाद नदी पर एक नए पुल के निर्माण का शिलान्यास।

जो कार्य पूर्व विधायकों ने नहीं किया वह कार्य चार साल में कर दिया

मैंने पहले ही कहा था कि यदि मैं विधायक बना तो ट्रांसफार्मर बनवाना, नाली-खड़ंजा लगवाना मेरी प्राथमिकता नहीं होगी। केंद्र व प्रदेश सरकार की बड़ी योजनाओं को लाने का प्रयास होगा जिस सिद्धांत पर चलते हुए चार साल में मैंने पिंडरा विस क्षेत्र में कई बड़े विकास कार्य करवाए। विकास कार्यों की लिस्ट बहुत लंबी है। पिंडरा की जनता सब जानती है। गरथमा 14 करोड़ का आइटीआइ कालेज, सिंधोरा में 12 करोड़ का दो मंजिला थाना, फूलपुर थाने में तैनात कर्मियों को आवास नहीं था। ठीक सामने आवास बनवाया। बड़ागांव थाने की पुलिस के लिए एक आवास निर्माण कराया। इलाके का एक गांव ऐसा है जहां 400 एकड़ में केंद्र सरकार की बड़ी योजना आकार लेने के लिए प्रस्तावित है। इस जमीन की कीमत 10 से 20 हजार रुपये भी नहीं थी उन जमीनों के एवज में पांच-पांच लाख रुपये किसानों को दिए गए। किसानों की जमीन ले ली गई थी। मुआवजा नहीं मिला था उसे दिलाने का कार्य किया। दुर्घटना का पैसा मैंने दिलाया। 20 साल में जो कार्य पूर्व विधायकों ने नहीं किया वह कार्य चार साल में कर दिया। इसमें दो साल कोरोना संक्रमण काल के भी बीते।

-अवधेश सिंह, विधायक पिंडरा

पुराने कार्य हुए हैं। बस पेंटिंग कर नए बोर्ड लगा है। मरम्मत हुई सड़क पर विधायक व सांसद दोनों श्रेय ले रहे हैं। एक छोर पर विधायक तो दूसरे पर सांसद का बोर्ड लग रहा है। पुरानी योजनाएं ही अब स्वीकृत हुई हैं। साढ़े चार साल में एक भी बिजली का सब स्टेशन नहीं बना। बड़ा अस्पताल नहीं बना। कल-कारखाने बंद हुए तो बेरोजगारी बढ़ी है। एक वनस्पति आयल कंपनी में चार हजार से ज्यादा कामगार थे जो बेरोजगार हैं। शिक्षा के क्षेत्र में भी कोई विकास नहीं हुआ। भ्रष्टाचार चरम पर है। बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग, तहसील, थाना हो जहां भी जाएंगे वहां भ्रष्टाचार से मुलाकात होगी। विस क्षेत्र में दूर-दराज गांवों में टीकाकरण नहीं हुआ है। कोरोनारोधी टीका की जगह नकली सुईयां लगाई गईं हैं। यही विधायक की उपलब्धि है।

-अजय राय, पूर्व विधायक कांग्रेस

जनता की प्रतिक्रिया

साढ़े चार साल के विकास की बात करें तो बसनी तिराहा से चार मीटर की ढलान वाली सड़क का पैचिंग कार्य भी नहीं हुआ। बरसात के दिनों में सड़क का गंदा पानी घर में चला आता है। हर बार केवल आश्वासन ही मिलता है। अबकी जमीनी मुद्दों पर जनप्रतिनिधि चुनेंगे।

-रविशंकर सिंह, अधिवक्ता बसनी

करखियांव गांव वीरों की भूमि है। यह 26 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का गांव है। हमने अपने जीवन काल में तीन विधायकों के 14 कार्यकाल देखे। सबसे गुहार लगाई कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में गांव के बाहर के एक द्वार का निर्माण करें। धरातल पर तो नहीं, लेकिन उपेक्षा से उम्मीदें टूट चुकी हैं और विकास की उम्मीद भी छोड़ दी है।

-विक्रमादित्य सिंह, करखियांव

फूलपुर बाजार में एक जर्जर हालत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। हर विधायक से इसके कायाकल्प की उम्मीद रहती है। वर्तमान विधायक से भी थी। साढ़े चार वर्ष बीतने के बाद अब उम्मीद टूट रही है।

-सुलतान अहमद, समाजसेवी फूलपुर

साढ़े चार वर्ष में पिंडरा में स्थानीय स्तर पर कोई विकास नहीं हुआ है। विधायक अवधेश सिंह यदा कदा यहां आते हैं। बाजार की सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई थी। अथक प्रयास के बाद करोड़ों रुपये का प्रस्ताव बना, लेकिन मुकम्मल निर्माण होने की बजाए पैचवर्क ही हुआ।

-पप्पू कुमार, दुकानदार फूलपुर

मतदाताओं का हाल

कुल मतदाता : 3,57,989

पुरुष मतदाता : 1,94,627

महिला मतदाता : 1,63,349

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