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Mukhtar Ansari: 2005 से जेल में बंद था मुख्तार अंसारी, एक ही कोर्ट से दो बार उम्रकैद की सजा; आज वाराणसी में होनी थी सुनवाई

Mukhtar Ansari के खिलाफ तीन वर्ष पहले गाजीपुर में दर्ज मुकदमे की सुनवाई वाराणसी की विशेष अदालत में हो रही थी। इसकी सुनवाई शुक्रवार को होनी थी। मुख्तार को बीते 17 माह में आठ मामलों में कोर्ट ने सजा सुनाई। मुख्तार के खिलाफ लंबित 65 मुकदमों में से 20 में अदालत में सुनवाई चल रही थी। मुख्तार के खिलाफ सजा का सिलसिला 21 सितंबर 2022 को शुरू हुआ था।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Fri, 29 Mar 2024 07:00 AM (IST)
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Mukhtar Ansari: 2005 से जेल में बंद था मुख्तार अंसारी, एक ही कोर्ट से दो बार उम्रकैद की सजा
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर, 2005 से जेल में निरुद्ध था। पुलिस उसके गिरोह (इंटरस्टेट गैंग 191) के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही थी। उसके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मुख्तार का गिरोह 14 अक्टूबर, 1997 को गाजीपुर जिले में रजिस्टर्ड हुआ था। 29 नवंबर, 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड के बाद पुलिस ने मुख्तार पर शिकंजा कसना शुरू किया।पुलिस ने सरगना मुख्तार अंसारी के गिरोह व सहयोगियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए आय के स्त्रोत को भी बंद किया। गिरोह के 292 सहयोगियों को चिह्नित किया और इनके खिलाफ विभिन्न थानों में 160 मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।

मुख्तार व उसके गिरोह की लगभग 318 करोड़ की संपत्ति जब्त

गिरोह के पास मौजूद 175 शस्त्र लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया। गिरोह के 164 सदस्यों के विरुद्ध गैंगस्टर व छह के विरुद्ध एनएसए के तहत कार्रवाई की गई थी। गिरोह से जुड़े पांच बदमाशों को अलग-अलग स्थानों पर हुई मुठभेड़ में मार गिराया। मुख्तार व उसके गिरोह की लगभग 318 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है, जबकि 287 करोड़ से अधिक की संपत्ति ध्वस्त व अवैध कब्जे से मुक्त हो चुकी है। पुलिस ने गिरोह के 215 करोड़ रुपये के अवैध कारोबार को बंद कराया है तो गिरोह की मदद करने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी जारी है।

17 माह में आठ मामलों में मिल चुकी थी सजा

मुख्तार को बीते 17 माह में आठ मामलों में कोर्ट से सजा सुनाई जा चुकी थी। मुख्तार के खिलाफ लंबित 65 मुकदमों में से 20 में अदालत में सुनवाई चल रही थी। मुख्तार के खिलाफ सजा का सिलसिला 21 सितंबर 2022 को शुरू हुआ था।

मुख्तार अंसारी को किस केस में मिली सजा

  • लखनऊ के आलमबाग थाने में 2003 में जेलर को धमकाने में पहली बार सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा।
  • 23 सितंबर 2022 को लखनऊ में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में पांच वर्ष की सजा।
  • 15 दिसंबर 2022 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में दस वर्ष की सजा।
  • 29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर में ही दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक अन्य मामले में दस वर्ष की सजा।
  • 32 वर्ष बाद पांच जून 2023 को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड में उम्रकैद। हत्या का यह पहला मामला था जिसमें मुख्तार को को दोषी ठहराया गया।
  • 27 अक्टूबर, 2023 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के ही मामले में दस वर्ष जेल की सजा।
  • 13 मार्च को फर्जीवाड़ा कर बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में उम्रकैद की सजा।

आज वाराणसी में होनी थी सुनवाई

मुख्तार अंसारी के खिलाफ तीन वर्ष पहले मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) में दर्ज मुकदमे की सुनवाई वाराणसी के विशेष अदालत में हो रही थी। इसकी सुनवाई शुक्रवार को होनी थी। हाई कोर्ट के आदेश पर गाजीपुर न्यायालय में लंबित मुकदमे को यहां स्थानांतरित किया गया था। जिलाधिकारी के दो शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त करने के बाद शस्त्र को जमा नहीं करने पर मुख्तार अंसारी के खिलाफ नौ अप्रैल 2021 को मुहम्मदाबाद थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था।

एक ही कोर्ट से दो बार उम्रकैद की सजा

फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में मुख्तार अंसारी को विशेष कोर्ट (एमपी एमएलए) ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसी अदालत से अवधेश राय हत्याकांड में आठ महीने पहले मुख्तार को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। अवधेश राय उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई थे। तीन अगस्त, 1991 को एक वैन से आए पांच हमलावरों ने अत्याधुनिक असलहों से अंधाधुंध गोलियां बरसाकर अवधेश राय की हत्या कर दी थी। हमला उस समय हुआ था, जब अवधेश राय घर के बाहर अपने भाई अजय राय के साथ खड़े थे।

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