Move to Jagran APP

मुख्तार अंसारी ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में अपना पक्ष रखने को अदालत से मांगा समय, नौ जनवरी को होगी अगली सुनवाई

Mukhtar Ansari पिछली सुनवाई में मुख्तार ने कहा था कि किसी भी साक्षी या अभियोजन पक्ष ने उसके खिलाफ कोई साक्ष्य पेश नहीं किया है। उसने दावा किया कि किसी का फर्जी हस्ताक्षर नहीं किया और न उस पर लगाया गया आरोप सिद्ध किया जा सका। मुख्तार की ओर से वकील श्रीनाथ त्रिपाठी आदित्य वर्मा व राकेश मिश्रा कोर्ट में उपस्थित रहे।

By Jagran News Edited By: riya.pandey Updated: Sat, 06 Jan 2024 08:37 AM (IST)
Hero Image
मुख्तार अंसारी ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में अपना पक्ष रखने को अदालत से मांगा समय
विधि संवाददाता, वाराणसी। Mukhtar Ansari: फर्जीवाड़ा कर 35 वर्ष पहले दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में आरोपित मुख्तार अंसारी के मुकदमे की सुनवाई शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम की अदालत हुई।

बांदा जेल में बंद मुख्तार वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश किया गया। अदालत के सवालों के जवाब में अपना पक्ष रखने के लिए उसने समय मांगा। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख नौ जनवरी दी है।

पिछली सुनवाई में मुख्तार ने कहा था कि किसी भी साक्षी या अभियोजन पक्ष ने उसके खिलाफ कोई साक्ष्य पेश नहीं किया है। उसने दावा किया कि किसी का फर्जी हस्ताक्षर नहीं किया और न उस पर लगाया गया आरोप सिद्ध किया जा सका।

मुख्तार ने 10 जून 1987 को लाइसेंस के लिए दिया था प्रार्थना पत्र

मुख्तार की ओर से वकील श्रीनाथ त्रिपाठी, आदित्य वर्मा व राकेश मिश्रा तथा अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी विनय कुमार सिंह कोर्ट में उपस्थित रहे। मुख्तार ने 10 जून 1987 को दोनाली बंदूक के लाइसेंस के लिए जिला मजिस्ट्रेट को प्रार्थना पत्र दिया था।

आरोप है कि गाजीपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी एवं एसपी के फर्जी हस्ताक्षर से संस्तुति प्राप्त कर लाइसेंस प्राप्त कर लिया। सीबीसीआइडी ने चार दिसंबर 1990 को गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थाने में मुख्तार, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

10 गवाहों का बयान दर्ज

जांच के बाद तत्कालीन आयुध लिपिक गौरीशंकर श्रीवास्तव और मुख्तार के विरुद्ध 1997 में अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया गया। सुनवाई के दौरान गौरीशंकर की मृत्यु हो गई। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन, पूर्व डीजीपी देवराज नागर समेत 10 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया है।

यह भी पढ़ें:

Mukhtar Ansari: एक और मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, पहले ही कोर्ट सुना चुकी है आजीवन कारावास की सजा

Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी बिल्डर पर बड़ी कार्रवाई, अस्पताल पर दौड़ा बाबा का बुलडोजर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।