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Mukhtar Ansari: एक और मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार, पहले ही कोर्ट सुना चुकी है आजीवन कारावास की सजा

Mukhtar Ansari बांदा जेल में सजा काट रहे माफ‍िया मुख्‍तार अंसारी एक और मामले में दोषी करार दिया गया। कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन (प्रथम) व एमपी-एमएलए न्यायालय के पीठासीन अधिकारी उज्जवल उपाध्याय ने मुख्तार अंसारी को शुक्रवार को दोषी करार दिया। बता दें कि मुख्तार पहले ही बांदा जेल में बंद है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 15 Dec 2023 03:51 PM (IST)
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एक और मामले में मुख्तार अंसारी दोषी करार
जागरण संवाददाता, वाराणसी। नंद किशोर रूंगटा के भाई महावीर रूंगटा को धमकी देने के मामले में कोर्ट ने सजा सुना दी है। धमकाने के मामले में अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन (प्रथम) व एमपी-एमएलए न्यायालय के पीठासीन अधिकारी उज्जवल उपाध्याय ने मुख्तार अंसारी को शुक्रवार को दोषी करार दिया।

अदालत ने मुख्तार अंसारी को पांच साल छह माह के कारावास एवं दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इससे पहले वाराणसी की अदालत इसी वर्ष मुख्तार अंसारी को चर्चित अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा दे चुकी है।

सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा

बीते पांच जून को विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) अवनीश गौतम ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने एक लाख बीस हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था। कोर्ट का यह फैसला 32 वर्ष बाद आया था।

1991 में हुई थी अवधेश राय की हत्या

अवधेश राय पूर्व विधायक अजय राय के बड़े भाई थे। तीन अगस्त 1991 को वर्चस्व को लेकर मारुति वैन से आए पांच हमलावरों ने अवधेश राय की अत्याधुनिक असलहों से अंधाधुंध गोलियां बरसाकर उनकी हत्या कर दी थी। हमला उस समय हुआ था, जब अवधेश राय मारुति जिप्सी से आकर घर के बाहर अपने भाई अजय राय के साथ खड़े थे।

इनको हुई थी 10 साल की सजा

इस मामले में अजय राय ने चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व राकेश न्यायिक के खिलाफ धारा 148, 149 व 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व कमलेश सिंह की मौत हो चुकी है। आरोपित भीम सिंह को गैंगस्टर के एक मामले में दस वर्ष की सजा हो चुकी है, वह गाजीपुर जेल में बंद है।

मुख्तार ने अलग कराया था मामला

आरोपित राकेश न्यायिक ने मामले में अपनी फाइल मुख्तार ने अलग करवा ली थी। उसका केस प्रयागराज सेशन कोर्ट में चल रहा है। वहीं मुख्तार अंसारी के खिलाफ हत्या का यह पहला मामला था जिसमें उसको दोषी ठहराया गया था। मुख्तार अंसारी को धारा 148 में तीन वर्ष के साधारण कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया। इसके अलावा धारा 302 व धारा 149 के तहत आजीवन कारावास व एक लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया गया।

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