Mumbai के बांद्रा में भीड़ जुटाने के आरोपी विनय का यूपी से नाता, भदोही जिले का है मूल निवासी
कौन है विनय दुबे? Mumbai के बांद्रा में लोगों की भीड़ जुटाने वाला आरोपी विनय दुबे भदोही जिले का मूल निवासी।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Wed, 15 Apr 2020 11:45 PM (IST)
भदोही, जेएनएन। देश भर के मन में सवाल है कि आखिर मुंबई के बांद्रा में अचानक से इतनी भीड़ कैसे जुट गई? हालांकि इसके पीछे की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड विनय दुबे को मुम्बई पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। दरसल, मुख्य आरोपी विनय उत्तर प्रदेश में भदोही जिले के औराई थाना क्षेत्र के हरिनारायनपुर गांव निवासी है। वह लंबे समय से मुंबई में ही रहता है।
स्थानीय लोगों के अनुसार वहां पहले वह बेकरी का काम करता था, फिर उत्तर भारतीय महापंचायत संगठन बनाया। ग्रामीणों की सूचना के अनुसार पिता मुंबई में ऑटो चलाते हैं। मुंबई में जब उत्तर भारतीयों को पीटा जा रहा था, तब यह आदमी फेसबुक पर मनसे, राज ठाकरे को खुली चनौती देता था। कई उत्तर भारतीयों ने ही उसपर पैसे खाने के आरोप लगाए। फेसबुक पर ही उन्हें देख लेने की धमकी भी दी है। पिछले लोकसभा चुनाव में कल्याण से चुनाव लड़ा मगर जमानत जब्त हो गई। विनय दुबे ने मुंबई से वाराणसी के लिए बसें भी चलवाईं हैं। इस सख्स के 2-4 महीने पहले फेसबुक पर करीब एक लाख फॉलोवर थे, अब 2 लाख से ज्यादा हैं।
एनआरसी और सीएए के विरोध में इसने सैकड़ों यात्राएं की, उसी दौरान फॉलोवर भी बढ़े। इसके जिस वीडियो की वजह से बांद्रा में आज भीड़ जुटी उसके 15 हजार से ज्यादा शेयर हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार क्षेत्र के जटाशंकर दुबे का पुत्र विनय जन्म से ही मुम्बई में रहता है।भदोही जनपद के औराई क्षेत्र में स्थित हरिनरायणपुर गांव पूरे देश में विनय की वजह से सुर्खियों में है। उसके पिता जटाशंकर दुबे मुंबई में ही रहकर आटो रिक्शा चलाते रहे हैं। विनय दुबे सहित उनके चार लड़के हैं। विनय दुबे, अजय, अभय और निर्भय जन्म से ही मुंबई में ही रहकर शिक्षण ग्रहण किया। विनय दुबे खुद इंजीनियरिंग कर चुका है। उसे दो अन्य भाई भी इंजीनियर हैं और एक भाई किसी प्राइवेट कंपनी में काम करता है। विनय दुबे नौकरी करने के बजाए मुंबई में उत्तर भारतीय महापंचायत संगठन का गठन किया है।
कुछ दिन पहले ही वह अपने पिता जटाशंकर दुबे के साथ महाराष्ट्र प्रदेश के गृह मंत्री से मिलकर कोविड-19 से बचाव के लिए सीएम केयर फंड में सहायता राशि का चेक भी प्रदान किया था। वह फेसबुक के माध्यम से 14 अप्रैल को ही प्रदेश सरकार को चेताया था कि यदि वह 18 अप्रैल तक मुंबई आदि क्षेत्रों में फंसे उत्तर भारतीयों को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करें। अन्यथा आंदोलन किया जाएगा। महाराष्ट्र में में भी लोकसभा चुनाव में चंदा इकट्ठा करके कल्याण से चुनाव लड़ा था लेकिन अपनी जमानत भी नहीं बचा पाया।
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