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मुसलमानों ने काशी विश्वनाथ का दर्शन कर हर-हर महादेव का किया उद्घोष, बोले- ज्ञानवापी का मसला अदालत के बाहर सुलझाने के लिए की प्रार्थना

मुसलमान काशी विश्वनाथ का दर्शन करेंगे की जानकारी मिलते ही लोगों की भीड़ लग गई। मुसलमान हर-हर महादेव का नारा व ओम नमः शिवाय की स्तुति के साथ गेट नंबर चार से ज्ञानवापी मंदिर में प्रवेश किए। सब चाहते है कि मंदिर का मसला अदालत के बाहर तय हो जाए और दोनों वर्गों के बीच शांति स्थापित हो। बाबा का दर्शन कर बाहर निकले मुसलमान खुश थे।

By Mukesh Chandra Srivastava Edited By: Vivek ShuklaUpdated: Fri, 01 Mar 2024 09:44 AM (IST)
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मुसलमानों ने काशी में किए बाबा के दर्शन

जागरण संवाददाता, वाराणसी। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच एवं मुस्लिम महिला फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को लखनऊ से मुसलमानों का जत्था काशी पहुंचा। यहां फाउंडेशन की अध्यक्ष नाजनीन अंसारी, हिंदू मुस्लिम संवाद केंद्र की नेशनल चेयरपरसन डा. नजमा परवीन, अफसर बाबा, अफरोज, फिरोज ने मैदागिन चौराहे पर मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय सेवा प्रमुख ठाकुर राजा रईस का स्वागत किया।

मुसलमान काशी विश्वनाथ का दर्शन करेंगे की जानकारी मिलते ही लोगों की भीड़ लग गई। मुसलमान हर-हर महादेव का नारा व ओम नमः शिवाय की स्तुति के साथ गेट नंबर चार से ज्ञानवापी मंदिर में प्रवेश किए। सब चाहते है कि मंदिर का मसला अदालत के बाहर तय हो जाए और दोनों वर्गों के बीच शांति स्थापित हो।

बाबा का दर्शन कर बाहर निकले मुसलमान खुश थे। हर हर महादेव के साथ जय सियाराम का उद्घोष किया। विश्वनाथजी से दुआ मांगी की जल्द से जल्द यह मसला हल हो जाए। मुसलमानों का दल यहां दर्शन के बाद लमही स्थित सुभाष भवन पहुंचा और सुभाष मंदिर में दर्शन किया।

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ठाकुर राजा रईस व विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राजीव श्रीवास्तव संग आगे की रणनीति पर मंत्रणा हुई। रईस ने कहा कि अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कहीं और जमीन लेकर मस्जिद बना ले। आज सच का साथ देने का समय है। डा. नजमा ने कहा कि ज्ञानवापी भारत की महान विरासत और हमारे पूर्वज भगवान श्रीराम के आराध्य का स्थान है।

इन्होंने किया बाबा विश्वनाथ का दर्शन

सनी अब्बास, आबिद इयार खान, अख्तर खान, जमशेद, हैदर, शेर अली खान, छोटे खान, मेहताब, सोहराब, उस्मान गनी, मुज़ीद सिद्दीकी, राहिल, अमान रसूल, साबिर साह, अजरा रब, अब्दुल रब, आसिफ, मुनौवर चौधरी, समीर, आफताब, शमशाद उर्फ दुर्गावती, गुलज़ार, मोहम्मद नूर, हतेशमुद्दीन, तबरेज अंसारी, मो. रईस, मजहरुल जिशान, इमरान शेख, शीबा, मौलाना नोमान, मौलाना तौकीर, कासिम शाह, जहांगीर, अफरोज, रमजान अली, जावेद, रिजवान आदि ने दर्शन किए।