'नमस्ते' ने दिया हेड कॉस्टेबल की पत्नी की चेन नोचने वाले बदमाशों का सुराग, एक गलती और पहुंचा जेल
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां नमस्ते ने बदमाशों का पर्दाफाश कर दिया। वाराणसी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की मदद से हेड कॉस्टेबल की पत्नी की चेन छीनने वाले बदमाशों को गिरफ्तार किया। घटना के बाद से सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए थे। जानिए कैसे एक छोटी सी गलती ने उन्हें जेल पहुंचा दिया। पूरी खबर यहां पढ़ें।
संवाद सहयोगी, जागरण वाराणसी। हेड कॉस्टेबल की पत्नी की सोने की चेन नोचकर बदमाश रामनगर पहुंचे थे। यहां एक पूर्व परिचित बुजुर्ग के मिलने पर उन्हें नमस्ते किया। उनकी यह हरकत कैमरे में कैद हो गई। कैमरों की जरिए ही बदमाशों का पीछा कर रही पुलिस बुजुर्ग तक पहुंच गई और बदमाशों की पहचान उजागर हो गई। उनके मुंबई भागने से पहले मंडुवाडीह पुलिस ने घेरेबंदी गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से नोची गई चेन, बाइक व तमंचा बरामद किया।
मंडुवाडीह थाना प्रभारी भरत उपाध्याय के अनुसार बीते 28 सितंबर को मॉर्निंग वॉक पर निकलीं ताड़केश्वर कालोनी की रहने वाली हेड कॉस्टेबल की पत्नी मनीषा देवी की सोने की चेन बाइक सवार दो बदमाशों ने मंडुवाडीह चौराहे के पास नोच ली थी।घटना की जानकारी होने पर बदमाशों की पहचान करने के लिए मंडुवाडीह चौराहे के पास लगे कैमरों की फुटेज को खंगाला। फुटेज में नजर आया कि दोनों बिना नंबर की पल्सर बाइक पर सवार थे। बाइक चला रहे बदमाश ने हेलमेट पहना था जबकि पीछा बैठे बदमाश ने गमछे से अपना मुंह ढंका था।
इसे भी पढ़ें-सोनभद्र में युवक की पिटाई और पेशाब करने का वीडियो वायरलदोनों ककरमत्ता की ओर भागे थे। पुलिस ने उसी दिशा में कैमरों की जांच शुरू तो पता चला कि बदमाश सुंदरपुर, नरिया, सामने घाट होते रामनगर के कतलूपुर में चाय की दुकान के पास जाकर रुके थे। बदमाशों ने अपना हेलमेट व गमछा हटाया और एक बुजुर्ग को प्रणाम करके थोड़ी देर बातचीत की।
इसके बाद बदमाश हाईवे की ओर निकल गए। कैमरों के जरिए पुलिस बदमाशों का पीछा करते हुए रामनगर के कतलूपुर पहुंच गई। थोड़े प्रयास में बुजुर्ग को भी तलाश लिया। उसके जरिए पुलिस को पता चला कि जिन्होंने उसे प्रणाम किया था वह रोहनिया थाना क्षेत्र के बसंतपट्टी के रहने वाले राकेश चौहान व सूरज चौहान हैं।दोनों मजदूरी करते हैं और काम के सिलसिले में कतलूपुर में ही एक मकान में किराए पर रहते थे। पुलिस ने उस मकान के मालिक से बदमाशों का मोबाइल नंबर हासिल कर लिया। दोनों की पहचान होने पर उनकी तलाश शुरू करने पता चला कि दोनों घटना के बाद से फरार हैं।
सर्विलांस की मदद से पुलिस लगातार उनका लोकेशन ट्रेस कर रही थी। इसी दौरान बुधवार की सुबह जानकारी मिली कि दोनों बीएलडब्लू अंडरपास के पास मौजूद हैं। थाना प्रभारी के साथ सबइंस्पेक्टर अमित सिंह, सत्यम तिवारी, हेड कॉस्टेबल शक्ति सिंह, कॉस्टेबल अविनाश यादव के साथ घेरेबंदी तो कर ली लेकिन बदमाशों की पहचान मुश्किल हो रही थी।पहचान के लिए पुलिस ने उनके मोबाइल पर मिस कॉल करना शुरू किया। इससे दोनों परेशान होकर बार-बार फोन को देख रहे थे। इससे उनकी पहचान हो गई और दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
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