कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर को, कहा - 'हमें न्याय प्रक्रिया पर भरोसा'
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला पर 22 साल पुराने धरना प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ किए जाने के मामले की अगली सुनवाई अब 31 अक्टूबर को होगी। वहीं वाराणसी पहुंचे सुरजेवाला ने कहा कि हमें न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। 22 साल पहले मंडलायुक्त के कार्यालय और न्यायालय पोर्टिको में प्रदर्शन और तोड़फोड़ करने के मामले में आरोपित कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला मंगलवार को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) एमपी- एमएलए की अदालत में हाजिर हुए। अब इस पुराने प्रकरण में आरोपितों पर आरोप निर्धारित होना है। आरोप से उन्मोचित किए जाने की प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने अदालत के समक्ष अपना पक्ष स्वयं रखा। उन्होंने पुलिस द्वारा लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 31 अक्टूबर को मुकर्रर कर दी है। वहीं उन्होंने न्याय प्रक्रिया पर भरोसा जताया है।
प्रकरण के मुताबिक चर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेसी नेताओं को आरोपित किए जाने को लेकर 21अगस्त 2000 को युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे रणदीप सिंह सुरजेवाला के नेतृत्व में युवक कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष स्वयं प्रकाश गोस्वामी समेत काफी संख्या में नेता, कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर सभा कर रहे थे। दोपहर करीब पौने तीन बजे सभी नारेबाजी करते हुए मंडलायुक्त कार्यालय पहुंच गए। भीड़ जब न्यायालय पोर्टिको में पहुंची तो सुरक्षा में लगी पुलिस फोर्स मौके पर आ गई।
नारेबाजी और तोड़फोड़ होते देख पुलिस ने भीड़ को पहले रोकने की कोशिश की। मौके पर बवाल बढ़ता देख लाठीचार्ज कर भीड़ को पुलिस खदेड़ने लगी जिससे परिसर में अफरातफरी मच गई। बाद में रणदीप सिंह सुरजेवाला,स्वयं प्रकाश गोस्वामी समेत दो दर्जन नेताओं को गिरफ्तार कर सबों को जेल भेज दिया गया। तत्कालीन जिला जज शैलेन्द्र सक्सेना की अदालत द्वारा 25 अगस्त 2000 को जमानत अर्जी मंजूर किए जाने पर सभी जिला जेल से रिहा कर दिए गए।
कैंट पुलिस ने उसी वर्ष विवेचना पूरी कर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में रणदीप सिंह सुरजेवाला, स्वयं प्रकाश गोस्वामी समेत 25 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र प्रेषित कर दी। मुकदमे की नियत तिथि पर हाजिर नहीं होने पर अदालत ने पांच अप्रैल 2006 को रणदीप सुरजेवाला समेत अन्य कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया था। वर्तमान में मुकदमे की सुनवाई अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पंचम) की अदालत में सुनवाई चल रही है। बीते 31अगस्त 2022 को अदालत में हाजिर होकर इस बात का लिखित रुप से अंडरटेकिंग दिया था कि मुकदमे की तिथि पर स्वयं अथवा अधिवक्ता के जरिए उपस्थित होते रहेंगे।