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स्नातक में अब पढ़ने होंगे चार अनिवार्य विषय, अगले साल BHU में लागू हो सकता है नियम

काशी हिंदू विश्वविद्यालय अकादमिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने का मन बना चुका है। अगले सत्र से स्नातक के छात्रों को मुख्य विषय के अलावा चार अनिवार्य विषय पढ़ने होंगे। कई बदलावों पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। इस बार जिन अनिवार्य विषयों को शामिल किया गया है उनमें मुख्य रूप से बहुविषयक क्षमता वृद्धि कौशल संवर्धन व मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम शामिल हैं।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Thu, 19 Oct 2023 07:49 AM (IST)
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स्नातक में अब पढ़ने होंगे चार अनिवार्य विषय, अगले साल BHU में लागू हो सकता है नियम
संग्राम सिंह, वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय अकादमिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव करने का मन बना चुका है। अगले सत्र से स्नातक के छात्रों को मुख्य विषय के अलावा चार अनिवार्य विषय पढ़ने होंगे। कई बदलावों पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है। इस बार जिन अनिवार्य विषयों को शामिल किया गया है, उनमें मुख्य रूप से बहुविषयक, क्षमता वृद्धि, कौशल संवर्धन व मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम शामिल हैं।

बहुविषयक पाठ्यक्रम में विज्ञान के विद्यार्थी ललित कला, शारीरिक शिक्षा, सामाजिक विज्ञान, ज्योतिष या मेडिकल से जुड़े पाठ्यक्रम पढ़ सकते हैं। अगर छात्र 12वीं कक्षा तक कोई विषय पढ़ने से रह गया है तो वह स्नातक में अपनी इच्छा पूरी कर सकता है, वो अब संगीत का भी अध्ययन कर सकेगा।

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मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम में पर्यावरण शिक्षा समेत कई विषयों का अध्ययन कर सकेंगे। क्षमता वृद्धि पाठ्यक्रम में आधुनिक भारतीय भाषा पढ़ने का मौका मिलेगा। कौशल संवर्धन के तहत कौशल विकास से जुड़े पाठ्यक्रम संचालित होंगे।

दूसरे सेमेस्टर के आखिर में छात्र अपने चुने हुए प्रमुख कोर्स को आगे पढ़ने या फिर उसे बदलने का फैसला लेंगे। तीन वर्षीय स्नातक डिग्री और रिसर्च स्पेशलाइजेशन के साथ चार वर्षीय स्नातक डिग्री के बीच चयन का विकल्प होगा।

अगर तीन साल से पहले कालेज छोड़ देते हैं और डिग्री पूरी नहीं कर पाते हैं तो उन्हें अगले तीन सालों में फिर से पढ़ाई पूरी करने की इजाजत दी जाएगी।

विदेश के छात्रों का झुकाव बीएचयू की ओर

दुनिया भर के दूसरे केंद्रीय विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं का झुकाव बीएचयू की तरफ हो, इसके लिए बीएचयू नई नीति के तहत कार्य करने जा रहा है।

विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एके त्रिपाठी ने बताया कि अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में 16 सितंबर से 29 सितंबर तक आयोजित इंटरनेशनल कान्फ्रेंस में उन्हें शामिल होने का मौका मिला। उनके साथ देश के 10 सेंट्रल यूनिवर्सिटी के विद्वान भी थे। नार्टडम यूनिवर्सिटी, इंडियाना यूनिवर्सिटी, जार्जटाउन यूनिवर्सिटी व जार्जियाटेक यूनिवर्सिटी के छात्रों का फीडबैक लिया गया।

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