UP News: अब जल्दी ही लिथियम की जगह होगा सोडियम बैटरी का इस्तेमाल, EV इंडस्ट्री में आएगी नई क्रांति
अब वह समय आ गया है जब सस्ती और सुदीर्घ जीवन वाली सोडियम आयन बैटरियां लिथियम आयन बैटरियों का स्थान ले लें। बीएचयू के विज्ञानियों ने सोडियम आयन बैटरियों में सुरक्षा स्थिरता और ऊर्जा घनत्व की समस्या की चुनौतियों का समाधान किया तो ऊर्जा संचयन की दिशा में राह आसान हो गई। यही नहीं इन बैटिरयों को शीघ्र चार्ज करने के लिए विज्ञानियों ने कैथोड सामग्री भी उन्नत की है।
जागरण संवाददाता,वाराणसी। अब वह समय आ गया है जब सस्ती और सुदीर्घ जीवन वाली सोडियम आयन बैटरियां लिथियम आयन बैटरियों का स्थान ले लें। बीएचयू के विज्ञानियों ने सोडियम आयन बैटरियों में सुरक्षा, स्थिरता और ऊर्जा घनत्व की समस्या की चुनौतियों का समाधान किया तो ऊर्जा संचयन की दिशा में राह आसान हो गई। यही नहीं, इन बैटिरयों को शीघ्र चार्ज करने के लिए विज्ञानियों ने कैथोड सामग्री भी उन्नत की है। यह बैटरी पर्यावरण के अनुकूल भी होगी।
बीएचयू के भौतिकी विभाग के प्रो.राजेंद्र सिंह व उनके शोध छात्रों का यह नवोन्मेष पूरे विश्व में ऊर्जा संचयन के परिदृश्य को परिवर्तित करने की क्षमता रखता है। पारंपरिक लिथियम-आयन बैटरी ऊर्जा संचयन के लिए एक चुनौतीपूर्ण विकल्प रहा है। लिथियम की तुलना में, सोडियम प्रचुरता में उपलब्ध है और सस्ता भी है।
सोडियम आयन बैटरियों की रासायनिक संरचना लिथियम के समान ही होती है, लेकिन सुरक्षा, स्थिरता, और ऊर्जा घनत्व जैसी चुनौतियों ने इनके व्यापक प्रयोग को रोक रखा था। बीएचयू के विज्ञानियों ने सोडियम निकल मैंगनीज कोबाल्ट आक्साइड (एनए-एनएमसी) और सोडियम निकल मैंगनीज आयरन आक्साइड (एनएफएम) कैथोड सामग्री विकसित की। साथ ही नई सोडियम सुपरआयनिक कंडक्टिंग सालिड-स्टेट इलेक्ट्रोलाइट्स भी डिजाइन किया जो खास सोडियम आयन बैटरियों के लिए है।
अनुसंधान टीम द्वारा विकसित इस कैथोड सामग्री उच्च क्षमता और दीर्घ बैटरी जीवन की गारंटी प्रदान करती है, जिससे शक्तिशाली और दीर्घकालिक सोडियम आयन बैटरी के अस्तित्व को आकार मिला है। इससे बैटरी की सुरक्षा, स्थिरता, और ऊर्जा घनत्व की चुनौती का काफी हद तक समाधान हो गया। एक औद्योगिक सहयोगी ने एक बैटरी प्रबंधन प्रणाली और एक उपयुक्त चार्जर भी विकसित कर दिया है।