राशन की दुकान पर मिलेंगे पोषक तत्व वाले फोर्टिफाइड चावल, राइस मिलर्स के लिए सरकार का आया नया नियम
पोषण से लड़ने के लिए भारत में चावल का फोर्टिफिकेशन अत्यंत जरूरी है। फोर्टिफाइड चावल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आगामी धान खरीद के अंतर्गत चावल मिलों में बीआईएस मानक का डायनमिक ब्लेंडर लगवाना अनिवार्य कर दिया है। यह ब्लेंडर न लगवाने वाली मिलें फोर्टिफाइड चावल निर्माण के कार्य से बाहर हो जाएंगी। फोर्टिफिकेशन का मतलब टेक्नोलॉजी के माध्यम से विटामिन और खनिज के स्तर को बढ़ाना है।
By Shailesh AsthanaEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Wed, 06 Sep 2023 02:01 PM (IST)
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पोषण से लड़ने के लिए भारत में चावल का फोर्टिफिकेशन अत्यंत जरूरी है। फोर्टिफाइड चावल बनाने के लिए केंद्र सरकार ने आगामी धान खरीद 2023-24 के अंतर्गत चावल मिलों में बीआईएस मानक का डायनमिक ब्लेंडर लगवाना अनिवार्य कर दिया है। यह ब्लेंडर न लगवाने वाली मिलें फोर्टिफाइड चावल निर्माण के कार्य से बाहर हो जाएंगी।
विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रतिनिधि मयंक भूषण मंगलवार को आयुक्त कार्यालय परिसर स्थित प्रेक्षागृह में फोर्टिफाइड चावल पर मिलर्स के संभाग स्तरीय पुनःश्चर्या प्रशिक्षण कार्यशाला में यह जानकारी दे रहे थे। कार्यशाला में ब्लेंडर लगाने तथा फोर्टिफाइड चावल निर्माण के संबंध में विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया।
उन्होंने कहा कि फोर्टिफाइड चावल के उपभोग हेतु भ्रांतियों को दूर करने के लिए भी इसका जन-मानस में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। फोर्टिफिकेशन का मतलब टेक्नोलाजी के माध्यम से खाने में विटामिन और खनिज के स्तर को बढ़ाना है। ताकि आहार में पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सके और लोगों को इससे स्वास्थ्य लाभ मिले।
इसमें चावल को एफआरके के साथ 100:1 के अनुपात में मिलाकर फोर्टिफाइड चावल तैयार करते हैं। इसमें आयरन, जिंक, फोलिक एसिड और विटामिन बी 12 का मिश्रण होता है, ताकि यह स्वस्थ, कुपोषण रहित और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर सके। फोर्टिफाइड चावल का उपयोग उचित दर दुकानों पर वितरण, एनएसएसए व आईसीडीएस, मिड-डे-मील आदि योजनाओं में किया जाता है।
ऐसे बनता है फोर्टिफाइड चावल
फोर्टीफाइड चावल बनाने के लिए सबसे पहले सामान्य चावल का पाउडर बनाया जाता है और उसमें सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे विटामिन बी-12, फोलिक एसिड और आयरन एफएफएफएसआई के मानकों के अनुसार मिलाए जाते हैं। एक्सट्रेडर मशीन से चावल के दानों या एफआरके के एक दाने को सामान्य चावल के 100 दानों के अनुपात में मिलाया जाता है।डायनेमिक ब्लेंडर द्वारा इस मिश्रण से फोर्टिफाइड चावल मिलों द्वारा तैयार किया जाएगा। इसे साफ, ठंडे व सूखे स्थान में संग्रहित किया जाएगा। कार्यशाला में समस्त जिला खाद्य विपणन अधिकारी, क्रय एजेंसियों के मंडल एवं जनपद स्तरीय अधिकारी, अधिकांश क्षेत्रीय विपणन अधिकारी/विपणन निरीक्षक, संभाग के प्रमुख चावल मिल संचालक एवं आरआरके निर्माता उपस्थित थे। अध्यक्षता संभागीय खाद्य विपणन अधिकारी प्रदीप कुमार कुशवाहा ने की।
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