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बलिया जिले के पिंडारी में एक ऐसे इंसान, वट पौध लगाने पर देते हैं लोगों को इनाम

बलिया के पिंडारी गांव निवासी राज नारायण तिवारी इसी तरह के इंसान हैं। उन्हें पेड़-पौधों से इतना लगाव है कि वे अपने गांव सहित आसपास के इलाके में पीपल बरगद नीम गिलोय सहित फलदार पौधे भी बांटते रहते हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Thu, 10 Jun 2021 07:50 AM (IST)
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बलिया के पिंडारी गांव निवासी राज नारायण तिवारी इसी तरह के इंसान हैं।

बलिया, जेएनएन। प्रकृति से इंसान का लगाव हो जाए तो पूरा माहौल हरा-भरा हो जाए। पिंडारी गांव निवासी राज नारायण तिवारी इसी तरह के इंसान हैं। उन्हें पेड़-पौधों से इतना लगाव है कि वे अपने गांव सहित आसपास के इलाके में पीपल, बरगद नीम, गिलोय सहित फलदार पौधे भी बांटते रहते हैं। लोगों को आक्सीजन का महत्व बताते हुए उन्हें ज्यादा आक्सीजन देने वाले पौधे लगाने के लिए प्ररित करते रहते हैं। जो व्यक्ति पौधा लगाता है और वह 15 दिन का हो जाता है तो पौधे लगाने के एवज में 100 रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप देते हैं। खाद्य उपायुक्त से अवकाश ग्रहण करने के बाद वह गांव पर आ गए। फिर उन्होंने लोगों को पौधा लगाने के लिए प्रेरित किया।

दस हजार बांट चुके हैं पौधे

राज नारायण तिवारी 2019 से अब तक पीपल, बरगद, नीम, गिलोय एवं आम के छोटे-छोटे पौधे बांट चुके है। पौधा लगाने वाले को पुरस्कार के रूप में प्रति पौधा 100 रुपये की राशि पुरस्कार स्वरूप देते हैं। छोटे-छोटे बच्चों को जो पीपल एवं बरगद के पौधे लेकर आते हैं, उन्हें भी एक रुपये प्रति पौधे देते है। इन पौधों काे वह नर्सरी के रूप में लगा देते है। फिर आम जनों के बीच में बांटने का काम करते हैं।

बीजू आम के पौधे के लिए करते प्रेरित

वह आम जनों को बीजू आम का पौधा लगाने के लिए प्रेरित करते है। बताते है कि कलमी आम के पौधे की आयु 15 से 20 वर्ष की होती है। वहीं बीजू आम के पौधों की उम्र 100 से 200 वर्ष की होती है।

बोले राज नारायण : पौधे लगाने की प्रेरणा मुझे साधु-संतों एवं धर्म ग्रंथों से मिली है। इससे ऑक्सीजन प्रचुर मात्रा में मिलती। ईश्वर प्रदत्त ऑक्सीजन आम, पीपल, बरगद, नीम, तुलसी के पौधे है। लोगों को फूल पौधे के बजाय देव वृक्ष लगाना चाहिए। -राज नारायण तिवारी, पिंडारी।

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