Doctors Strike: वाराणसी में डॉक्टरों की हड़ताल 10वें दिन भी जारी, मरीजों की परेशानी बढ़ी
वाराणसी में डॉक्टरों की हड़ताल 10वें दिन भी जारी है। हड़ताल के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि कुछ मुद्दों पर सहमति बन गई है। रेजिडेंट कक्षों में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जा रही हैं और लिफ्ट में स्कैनर लगाए जाएंगे। सेंट्रल अलार्म सिस्टम हर वार्ड में उपलब्ध होगा। कोलकाता में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर के विरोध में हड़ताल चल रही है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। कोलकाता में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ रेप व मर्डर के विरोध में पिछले 10 दिनों से चल रही हड़ताल के कारण मरीज बेहाल हो चुके हैं। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल, ट्रामा सेंटर और आयुर्वेद अस्पताल में सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट मरीजों का उपचार नहीं कर रहे।
गुरुवार को प्रकरण में अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था कंसल्टेंट डॉक्टरों (प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व सहायक प्राेफेसर) के हाथों में रही। पीडियाट्रिक व रेडियोलाजी विभाग में कुछ रेजिडेंट भी कार्य करते हुए दिखे।
प्रकरण मेें आइएमएस निदेशक प्रो. एसएन संखवार और सर सुंदरलाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. कैलाश कुमार समेत कई अफसरों के साथ आंदोलित रेजिडेंटों की वार्ता हुई। मांगों पर कितना अमल हआ है, इसे रेजिडेंटों को विस्तार से बताया गया।
अफसरों ने बताया कि 25 प्रतिशत सुरक्षा कर्मी बढ़ाए जाएंगे, इसका प्रस्ताव तैयार हो रहा है। रेजिडेंट रूम के बाहर बायोमेट्रिक मशीनें इंस्टाल की जा रही हैं। लिफ्ट में स्कैनर तभी सक्रिय होे सकेंगे, जब तक रेजिडेंटों और कंसल्टेंट डॉक्टरों का पंजीकरण पूरा नहीं हो जाता है। करीब 150 डाक्टरों का पंजीकरण हो चुका है।
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वार्डों की गैलरी में सेंट्रल अलार्म सिस्टम स्थापित होगा ताकि सुरक्षा के बिंदु पर कंट्रोल रूम को अलर्ट मिल सके। मरीजों और डाक्टरों के लिए सुरक्षा व्यवस्था सुलभ हो सकेगी। डायलाग एंड सिक्योरिटी कमेटी गठित की गई है। वार्डों में मरीज के साथ अधिकतम दो तीमारदार के ठहरने की व्यवस्था को सख्ती से लागू कर दिया गया है।
गुरुवार को 3067 मरीजों का पंजीकरण हुआ, लेकिन 53 मरीजों को भर्ती किया जा सका। 109 मरीज डिस्चार्ज किए गए। 34 सर्जरी की गई। 4701 सेंपल जांचे गए। सामान्य दिनों की अपेक्षा ढाई गुना कम मरीजों को सुविधा मिल पा रही है। प्रतिदिन हजारों मरीज बिना उपचार लौट जा रहे हैं। मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
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कुछ विभागों में एक ही कंसल्टेंट बैठे रहे, इस वजह से मरीजों को देर तक इंतजार करना पड़ा। रेजिडेंटों का आरोप है कि विवि प्रशासन द्वारा उनकी मांग अनसुनी की जा रही है। वह कुलपति से मिलने की मांग कर रहे हैं लेकिन वह मिल ही नहीं रहे हैं।