Aadhaar Card से होने वाले ऑनलाइन फ्रॉड पर लगेगी लगाम, लीक नहीं होगी केवाईसी की जानकारी; आ गया ये सॉफ्टवेयर
Adhar Card केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में डाटा प्राइवेसी डाटा प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया है ताकि हर आदमी की निजता को सुरक्षित रखा जा सके लेकिन यह कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है। हालांकि अब इस चुनौती को कम करने के लिए नया सॉफ्टवेयर आने वाला है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से केवाईसी की जानकारी लीक नहीं होगी और साथ ही ऑनलाइन फ्रॉड पर भी लगाम लगेगी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। देश में हर महीने करीब 200 करोड़ लोग आधार का प्रमाणीकरण करते हैं। इसके चलते केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 में डाटा प्राइवेसी डाटा प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया है ताकि हर आदमी की निजता को सुरक्षित रखा जा सके लेकिन यह कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है।
फिलहाल सरकार के पास कोई सटीक अस्त्र नहीं है, जिससे डाटा लिकेज की समस्या को रोका जा सके। आइआइटी बीएचयू के आइडिएशन, इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेंटर और आइडब्ट हब फाउंडेशन के तकनीकी सहयोग से बनारस के लंका निवासी युवा नमन मिश्रा ने ब्लाकचेन आधारित सी-डैक्स प्रोटोकॉल सॉफ्टवेयर और ऐप विकसित किया है।
केवाईसी की जानकारी नहीं होगी लीक
यूएडीआइए (यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की मदद से प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने की कोशिश चल रही है। इस सॉफ्टवेयर की मदद से केवाईसी की जानकारी लीक नहीं होगी, जबकि चंद मिनट में डाटा का सटीक सत्यापन किया जा सकेगा।बनी रहता है खतरा
आम आदमी को होटल, हॉस्पिटल और बैंक समेत कई स्थानों पर केवाईसी की जरूरत पड़ती है। अमूमन, लोग आधार और पैन कार्ड की हार्ड कापी देते हैं लेकिन डिटेल लीक होने का खतरा बना रहता है। आए दिन ऑनलाइन फ्रॉड के मामले पुलिस के पास आते हैं, जिसे सुलझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है।
ऐसे काम करेगा सॉफ्टवेयर
नौ लाख के प्रोजेक्ट के लिए स्टार्ट अप कंपनी सीडैक्स ने दुबई की कंपनी पालिगान टेक्नालाजी से एमओयू किया हुआ है। नमन मिश्रा कहते हैं कि आइआइटी बीएचयू के साथ मिलकर 2022 में प्रोजेक्ट पूरा किया था। इसके लिए मोबाइल एप्लीकेशन पर साइन अप करते ही डाटा को इन्क्रीप्ट करेंगे। इसके बाद डाटा कोड जनरेट होगा, जो मोबाइल में अपने आप सुरक्षित हो जाएगा।क्यूआर स्कैन करने पर हो जाएगा काम
किसी सत्यापन कर्ता के पास जाएंगे तो क्यूआर कोड स्कैन करते ही केवाईसी की स्कैनिंग शुरू हो जाएगी। सारे पैरामीटर का मिलान होते ही डाटा सत्यापित कर सकेंगे। इस डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए पेपरलेस व्यवस्था को प्रभावी किया जा सकेगा। डाटा सत्यापन का विवरण समय और दिन के साथ मोबाइल एप पर भी दर्ज हो जाएगा, यह विवरण लोग देख भी सकेंगे।
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