Varanasi में रानी के BirthDay पर मालिक ने काटा केक, जानिए किसके लिए दी गई दावत
समाज मे लोग अपने बच्चों का जन्म दिन मनाते देखे होंगे लेकिन अब लोग कुत्तों का भी जन्म दिन मनाने लगे हैं। सारनाथ के आशापुर स्थित आशापुरी कालोनी में बुधवार की रात साढ़े आठ बजे एक युवक ने अपने एक वर्षीय कुतिया का जन्म दिन धूमधाम से मनाया गया।
By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 05 Nov 2020 01:46 PM (IST)
वाराणसी, जेएनएन । समाज मे लोग अपने बच्चों का जन्म दिन मनाते देखे होंगे लेकिन अब लोग कुत्तों का भी जन्म दिन मनाने लगे हैं। ऐसा ही कुछ देखने को सारनाथ के आशापुर स्थित आशापुरी कालोनी में बुधवार की रात साढ़े आठ बजे एक युवक ने अपने एक वर्षीय कुतिया का जन्म दिन धूमधाम से मनाया गया। यही नहीं केक काट कर दर्जनों लोगों ने दावत में शिरकत की।
आशापुरी कालोनी के रहने वाले बृजेश कुमार पांडेय गुजरात में एक प्राइवेट कंपनी में टेक्निकल पद पर काम करते हैं। कोरोना काल मे घर पर आ गए हैं। इन्हें पशु पक्षियों से काफी लगाव है। ये कोरोना काल मे आवारा पशुओं को खाना खिलाने लगे। इनके पास एक जर्मन शेफर्ड का एक वर्ष की कुतिया है जिसका नाम प्यार से रानी रखे हैं। बृजेश पांडेय ने कुतिया के एक वर्ष पूरा होने पर बुद्धवार की रात साढ़े आठ बजे केक काट कर जन्म दिन मनाया और लोगों को दावत भी दिए। इस जन्म दिन को लेकर पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कोरोना काल में बढ़ा कुत्ता पालने का चलन
कोरोना काल में घर में कुत्ते रखने का चलन काफी बढ़ चला है। लोग स्ट्रेस बस्टर के रूप में आजकल कुत्तों का इस्तेमाल कर रहे हैं। फ्रेंडली कुत्तों में वीगल, लेब्राडोर एवं जर्मन शेफर्ड की मांग काफी बढ़ी है। वैसे लोग सबसे अधिक वीगल एवं लिबराडोर की डिमांड कर रहे हैं। यह कुत्ते स्मार्ट होते हैं और इन्हें गाइड के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। छोटी सोसायटी में आजकल कुत्तों की मांग खूब बढ़ी है। इन कुत्तों से न सिर्फ बच्चों का टाइमपास होता है, बल्कि इसके साथ खेलकर लोग अपना तनाव भी कम कर रहे हैं। नगर में इनकी तादाद काफी संख्या में देखी जा सकती है। हालांकि इनके अलावा कुछ हिसक प्रजाति के कुत्तों की भी संख्या देखी जाती है लेकिन उनकी तादाद काफी कम है।
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