Padma Awards: काशी के दो दिग्गजों को मिला पद्मश्री, एक ने लकड़ी खिलौने और दूसरे ने अपने सुरों से लोगों को बनाया दीवाना
Padma Awards 2024 पद्मश्री पुरस्कारों का एलान हो गया है। खोजवां-कश्मीरीगंज निवासी काष्ठ खिलौना शिल्पी गोदावरी सिंह को पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। इसके अलावा बनारस घराने के शास्त्रीय गायक सुरेंद्र मोहन मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री के लिए चुना गया है। शास्त्रीय गायक सुरेंद्र मोहन मिश्रा का निधन 19 नवंबर 2023 में हुआ था। अब दोनों दिग्गजों को पद्मश्री से नवाजा गया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। पद्मश्री पुरस्कारों का एलान हो गया है। यह खास पुरस्कार वाराणसी के कुछ खास लोगों को भी दिया जाएगा। खोजवां-कश्मीरीगंज निवासी काष्ठ खिलौना शिल्पी गोदावरी सिंह को पद्मश्री से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। इसके अलावा बनारस घराने के शास्त्रीय गायक सुरेंद्र मोहन मिश्रा को मरणोपरांत पद्मश्री के लिए चुना गया है। शास्त्रीय गायक सुरेंद्र मोहन मिश्रा का निधन 19 नवंबर 2023 में हुआ था।
पद्मश्री के लिए चुने जाने की घोषणा से गोदावरी सिंह काफी प्रसन्नचित नजर आए। स्टेट अवार्ड से नवाजे जा चुके गोदावरी सिंह का काष्ठ खिलौना के क्षेत्र में सिर्फ वाराणसी ही नहीं बल्कि देश भर में नाम है। बनारस में लकड़ी के खिलौने (वुडेन लेकर वेयर) के कारोबार को आगे बढ़ाने में उनका बहुत बड़ा योगदान है। बताया कि इस उपलब्धि से बनारस व देश का नाम रोशन हुआ है। इसका श्रेय उन्होंने अपने सभी सहयोगियों को दिया।
लकड़ी के बैग बनाकर किया था अचंभित
गोदावरी अपनी प्रयोगधर्मिता से लकड़ी के बैग बनाकर भी दिखा चुके हैं, जिसकी बनारस में ओडीओपी से संबंधित आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खूब सराहना भी की थी।मीरजापुर की लोक गायिका उर्मिला श्रीवास्तव को भी पद्मश्री
मीरजापुर की लोक गायिका उर्मिला श्रीवास्तव को पद्मश्री के लिए चुना गया है। गुरुवार को जारी पद्म पुरस्कार की सूची में उनका नाम है। उन्हें पूर्व में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी से लोक गायन के क्षेत्र में अकादमी रत्न सदस्यता भी मिल चुकी है। उन्हें वर्ष 1999 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने विंध्य महोत्सव में सम्मानित किया था।कजरी गायन को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया
कजरी साम्राज्ञी उर्मिला श्रीवास्तव ने कजरी गायन को एक नई ऊंचाई प्रदान की है। मीरजापुर के आर्यकन्या इंटर कालेज में संगीत गायन प्रवक्ता के रूप में शिक्षण कार्य किया। उत्तर प्रदेश के लोकगीत, भोजपुरी, मुख्यत: मीरजापुरी कजरी, देवी गीत, दादरा, कहरवां, पूर्वी, चैती, होली, कजरी, झूमर, खेमटा, बन्नी, सोहर, लचारी, विदेसिया विधा में महारथ हासिल है।
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