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यात्रीगण कृपया ध्यान दें, बीच रास्‍ते में कहीं खो जाती है यह ट्रेन, जानिए किस ट्रेन का है मामला

शाम को चोपन पहुंचने से लेकर रात दस बजे चुनार पहुंचने तक इसकी लाइव लोकेशन भी नहीं मिल पाती।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Wed, 30 Oct 2019 08:07 PM (IST)
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यात्रीगण कृपया ध्यान दें, बीच रास्‍ते में कहीं खो जाती है यह ट्रेन, जानिए किस ट्रेन का है मामला
मीरजापुर, जेएनएन। मीरजपुर से प्रदेश की राजधानी लखनऊ के लिए चलने वाली एकमात्र ट्रेन त्रिवेणी एक्सप्रेस की लेटलतीफी यात्रियों के इंतजार की घडिय़ों को घंटों में बदल देती है। सोनभद्र जिले के शक्तिनगर से चलने वाली ट्रेन का जो लोग मीरजापुर रेलवे स्टेशन पर इंतजार करते हैं, उन्हें कई बार वापस घर लौट जाना पड़ता है क्योंकि शाम को चोपन पहुंचने से लेकर रात दस बजे चुनार पहुंचने तक इसकी लाइव लोकेशन भी नहीं मिल पाती।

मीरजापुर से लखनऊ के बीच चलने वाली एकमात्र ट्रेन त्रिवेणी एक्सप्रेस के शेड्यूल को लेकर हमेशा असमंजस की स्थिति बनी रहती है। यह ट्रेन कभी भी समय पर नहीं आती है और मीरजापुर से लखनऊ की दूरी तय करने में इसे 12 से 15 घंटे लग जाते हैं। इतना ही नहीं यह ट्रेन जब चोपन से मीरजापुर की ओर चलती है तो चोपन तक इसका लोकेशन ही नहीं मिलता और यात्रियों को समस्या होती है। त्रिवेणी जब चुनार पहुंच जाती है तब इंटरनेट पर इसकी लोकेशन मिल पाती है जिससे यात्रियों को मीरजापुर स्टेशन पर घंटों इंतजार के लिए मजबूर होना पड़ता है। सामान्य दिनों में यह ट्रेन निर्धारित समय से हमेशा देरी से चलती है और लखनऊ पहुंचने का भी इसका समय निर्धारित नहीं होता जिसकी वजह से रेल यात्रियों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। शाम छह बजे चोपन से चलकर रात 10 बजकर 20 मिनट पर इसे मीरजापुर पहुंचना होता है लेकिन छह बजे से दस बजे तक लोकेशन व सही स्टेटस न मिलने से मीरजापु, ङ्क्षवध्याचल स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करने वाले यात्रियों को समस्या होती है।

चोपन से चुनार पहुंचने में चार घंटे

त्रिवेणी एक्सप्रेस के चोपन पहुंचने का निर्धारित समय शाम छह बजे है। इसके बाद पौने सात बजे अगोरी खास, चुके होते हुए साढ़ सात बजे तक सोनभद्र पहुंचती है। सवा आठ बजे ट्रेन लूसा पहुंचती है और इसे सक्तेशगढ़ पहुंचने में करीब एक घंटे लग जाते हैं। वहीं सक्तेशगढ़ से चुनार की दूरी जो 15 से 20 मिनट में पूरी होनी चाहिए वह दूरी एक घंटे से ज्यादा समय में पूरी होती है। यात्रियों की मानें तो कई बार ट्रेन इतनी विलंबित हो जाती है कि मीरजापुर स्टेशन पर रात 12 बजे तक इंतजार करने वाले शहर के यात्री वापस अपने घरों को लौट जाते हैं जबकि दूर के यात्रियों को वहीं इंतजार करना पड़ता है।

मुगलसराय-बरेली पैसेंजर फिर शुरू हो

शहर के जाने-माने कवि व वक्ता लल्लू तिवारी पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं लखनऊ के लिए चलने वाली पैसेंजर सबसे बेहतर थी जिसे अब बंद कर दिया गया है। मुगलसराय अब पं. दीन दयाल उपाध्यान नगर से बरेली तक चलने वाली पैसेंजर रात में मिलती थी व भोर में पांच बजे लखनऊ पहुंच जाती थी। यह सबसे सुगम यात्रा होती थी लेकिन इसे बंद कर दिया गया है। युवा नेता आयुष ङ्क्षसह ने कहा कि जनपद से लखनऊ आने जाने के लिए इस समय त्रिवेणी के सिवाय कोई ट्रेन नहीं है जिसका रुट व समय रुलाने वाला है। ऐसे में फिर से पैसेंजर ट्रेन चलाई जानी चाहिए।

इस बारे में  मीरजापुर के स्टेशन अधीक्षक रवींद्र कुमार ने कहा कि इसकी टाइमिंग ऐसी है कि उसी समय राजधानी व दुरंतो जैसे ट्रेनें रुट से गुजरती हैं जिसकी वजह से इसे कई बार लूप लाइन मेें खड़ा कराया जाता है। वहीं चोपन से चुनार के छोटी लाइन होने की वजह से भी देरी हो जाती है।

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