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Bijli Bill: यूपी के इस शहर में बिजली बिल बढ़ा रहा लोगों की धड़कनें, कनेक्शन लेने में बैठ रहा दिल

वाराणसी में बिजली को लेकर आला अफसरों तक की गई शिकायत का समाधान नहीं हो पा रहा है। इस हाल में राहत की राह निकाने के लिए दैनिक जागरण कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहा ताकि ‘व्यवस्था तक बात’ पहुंचाई जा सके। इसके लिए दैनिक जागरण ने बुधवार को उपकेंद्रों पर बिजली बिल व कनेक्शन को लेकर की पड़ताल। इस पर प्रस्तुत है मुकेश चंद्र श्रीवास्तव की रिपोर्ट...।

By Mukesh Chandra Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Thu, 11 Jul 2024 11:18 AM (IST)
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बिजली विभाग के काम परेशान हो रहे लोग। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
जागरण संवाददाता, वाराणसी। विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में बेशक सुधार हुआ है, लेकिन बिजली बिल में मनमानी धड़कनें बढ़ा रहा है। खपत कम होने के बाद भी क्यों और कैसे बिल दो से तीन गुना तक बढ़ जा रहा, यह सवाल उपभोक्ताओं की धड़कनें बढ़ा रहा। इसे ठीक कराने के लिए रोजाना सुबह से शाम तक लगती कतार बेजार कर रही तो इस दफ्तर से उस दफ्तर तक की भागदौड़ पसीने छुड़ा रही।

यही नहीं प्रशासन की ओर से तत्काल कनेक्शन के दावे तक धरे रह जा रहे। इसमें 12- 14 माह तक का समय कम पड़ जा रहा तो कोर्ट का आदेश भी काम नहीं आ रहा है। रही बात सुनवाई के लिए अलग-अलग फोरम की तो इनमें हाजिरी लगाते चप्पलें घिस जा रही हैं।

कनेक्शन के लिए साल भर पहले आवेदन किया, आज तक लगा रहे दौड़

नगरीय विद्युत वितरण खंड द्वितीय चौकाघाट

लक्सा के जद्दूमंडी निवासी राजाराम गुप्ता ने पिछले साल 14 जुलाई को घरेलू कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। उनका आरोप है कि संबंधित जेई ने अतिरिक्त राशि की मांग की। इसे उन्होंने रिकार्ड कर लिया लेकिन मोबाइल छीन कर डेटा मिटा दिया गया।

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जेई ने यह धमकी भी दे डाली कि जीवन में कभी कनेक्शन नहीं मिल सकता। अतिरिक्त राशि देने से मना करने पर अधिकारी अब तर्क दे रहे हैं कि पहले से बकाया है, इसलिए कनेक्शन नहीं दिया जा सकता।

इसकी शिकायत न्यायालय में की गई। पिछले साल अक्टूबर में ही तीन माह में कनेक्शन देने का आदेश भी हो गया, लेकिन उपभोक्ता अभी तक कनेक्शन के लिए चक्कर काट रहा है।

कनेक्शन से पहले आ गया बिल, समायोजन की नौ माह से लगा रहे गुहार

नगरीय विद्युत वितरण खंड षष्ठम पहड़िया

पहड़िया के ओमनगर कालोनी (रमदत्तपुर) के आशीष रंजन ने 30 नवंबर 2019 को अस्थायी विद्युत कनेक्शन लेने के लिए आवेदन किया। कनेक्शन खींच कर 23 दिसंबर को मीटर लगा दिया गया, लेकिन बिल चार दिसंबर से ही जारी कर दिया गया।

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इसके बाद भी कई गड़बड़ियां हुई और अधिक भुगतान करना पड़ा। आशीष इस मामले को लेकर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में गए, लेकिन यहां परिवाद खारिज कर दिया गया। इस मामले की शिकायत राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में की।

सुनवाई के बाद आयोग ने बिजली विभाग को पिछले साल 21 नवंबर को ही 2700 रुपये समायोजित करने का आदेश दे दिया, लेकिन आदेश बिजली के दफ्तर में अटका पड़ा है।

एक माह में 300 से 900 हो गया बिल, सात बार की गुहार बेकार

लोहता निवासी जुलेखा के घर में दो पंखा व दो बल्ब भर बिजली की खपत है। बावजूद इसके अधिक बिल आ रहा है। रीता देवी का आरोप है कि पहले 300 से 400 रुपये तक बिजली बिल आता था। बल्ब, पंखे उतने ही हैं, लेकिन दो माह से 900 से 1000 रुपये बिजली बिल आ रहा।

शिकायत समाधान के लिए सात बार दौड़ लगा चुकी, सुनवाई नहीं हो रही है। नैपुरा कला की वंदना डाफी सबस्टेशन पर बिल जमा करने पहुंची थीं। उनकी शिकायत थी कि बिल में किसी तरह की दिक्कत के लिए रामनगर भेज दिया जाता है।

वहां जाने पर कहा जाता है कि जेई से लिखवाकर लाइए और जेई साहब मिलते ही नहीं। पन्नालाल उपेंद्र पर बिजली बिल जमा करने आए उपभोक्ता राम अवतार सिंह का कहना है कि जब से स्मार्ट मीटर लगा तब से बिजली बिल दो गुना हो गया। यह क्यों हुआ यह जानने के लिए चार बार आ चुका।

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