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वाराणसी में निर्माणाधीन ओवरब्रिज की दो बीम गिरने से 15 लोगों की मौत, देखें मृतकों की सूची

वाराणसी में स्टेशन के सामने बन रहे फ्लाई ओवर की दो बीम गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई है। बीम गिरने के कारण बस सहित छह गाडिय़ां फंसी हैं। छह क्रेन बीम को उठाने में लगी हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Updated: Wed, 16 May 2018 05:04 PM (IST)
वाराणसी में निर्माणाधीन ओवरब्रिज की दो बीम गिरने से 15 लोगों की मौत, देखें मृतकों की सूची

वाराणसी (जेएनएन)। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में रेलवे स्टेशन के सामने बन रहे फ्लाई ओवर की दो बीम गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई है। सरकार इस हादसे में मृतक के परिवारीजन को पांच-पांच लाख तथा गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करेगी।  

वाराणसी में फ्लाईओवर के निर्माण में बरती जा लापरवाही से मंगलवार शाम बड़ा हादसा हो गया। बिना रूट डायवर्जन के पिलर पर रखी जा रहीं दो बीम गिरने से कोहराम मच गया। आधा दर्जन से ज्यादा वाहन इन बीमों के नीचे दब गए, जिसमें से 18 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। एनडीआरएफ, सेना, पुलिस, पीएसी व स्थानीय लोगों की मदद से चार घंटे तक चले राहत और बचाव कार्य के बाद दोनों बीम को मौके से हटा दिये गया है। घटना पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राष्ट्रपति ने दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक जांच समिति भी गठित कर दी है और मृतकों को पांच-पांच और घायलों को दो-दो लाख रुपये देने की घोषणा की है। देर रात मुख्यमंत्री बनारस पहुंचे और घटना स्थल देखा। इसके बाद वह घायलों से मिलने अस्पताल भी गए। 

कैंट स्टेशन के करीब शाम 5.20 बजे यह घटना हुई। बीम के नीचे एक रोडवेज बस, एक बोलेरो, दो कार, एक आटो रिक्शा और चार बाइक दब गईं थीं। मौके पर अफरा-तफरी और चीख-पुकार मच गई। नौ क्रेन की मदद से दोनों बीम को करीब चार घंटे में उठाया जा सका। हादसे का कारण पहली नजर में उत्तर प्रदेश सेतु निर्माण निगम द्वारा लापरवाही से किया जा रहा कार्य बताया जा रहा है। ट्रैफिक डायवर्जन किए बिना ही निर्माण कार्य किया जा रहा था। 

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शाम होने की वजह से मौके पर जाम की स्थिति थी। लिहाजा बीमों के गिरने के दौरान बचाव और भागने की गुंजाइश भी नहीं थी, जो जहां था वहीं बीम की चपेट में आ गया। प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के अलावा मौके पर मौजूद लोगों की मदद से घायलों को बीएचयू ट्रामा सेंटर, नजदीकी रेलवे अस्पताल, मंडलीय अस्पताल व दीनदयाल अस्पताल भेजा गया है। दर्जनों एंबुलेंस, जेसीबी व हाइड्रोलिक क्रेन मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य में विलंब के चलते जनता में आक्रोश भी देखने को मिला। 

पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया गहरा दुख

पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे के बाद ट्वीट कर गहरा दुख जताते हुए कहा कि- ''वाराणसी में एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर के गिरने के कारण जीवन की हानि से बेहद दुख हुआ। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द ही ठीक हो जाएं। अधिकारियों को प्रभावित लोगों को सभी संभव सहायता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। 

मैंने उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से हादसे की स्थिति के बारे में बात की। यूपी सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीन पर काम कर रही है।

राष्ट्रपति भवन ने जारी की शोकसंवेदना

राष्ट्रपति भवन की ओर से हादसे के बाद ट्वीट कर शोक संवेदना जारी की गई - वाराणसी में फ्लाईओवर निर्माण के स्थल पर हुई दुर्घटना के बारे में जानकर आघात पहुंचा है। प्रशासन द्वारा बचाव कार्य और घायलों की सहायता के सभी प्रयास किये जा रहे है। शोकाकुल परिवारों के प्रति मेरी शोकसंवेदनाएं।

घायलों की सूची

-महेंद्र प्रसाद 45 चहनिया चंदौली

-राजेश भास्कर 40 वर्ष पुत्र दयाराम भास्कर, नक्खीघाट वाराणसी

-नीरज 26 वर्ष पुत्र घनश्याम रामनगर

-कुमकुम पत्नी 42 वर्ष पत्नी आरबी सिंह कंचनपुर डीएलडब्ल्यू

-मो. इस्माइल 35 वर्ष बेनियाबाग चेतगंज

-रविप्रकाश श्रीवास्तव 61 वर्ष रामनगर

-सुमित मिश्रा 30 वर्ष भुल्लनपुर

-नसरूद्दीन 25 वर्ष देवरिया

-मो. शकील 30 वर्ष नक्खीघाट

-डा. महेंद्र प्रसाद खरवार 49 वर्ष चहनिया

-पदुमलाल केसरी 35 वर्ष मीरजापुर

-सीताराम 65 वर्ष चंदुआ छित्तूपुर। 

डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि मौके पर पुलिस की टीमें भेजी गई है। राहत व बचाव कार्य के साथ ही ट्रैफिक नियंत्रण पर भी खास ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ लोगों के दबने की बात सामने आई है लेकिन अभी हम संख्या नहीं बता सकते हैं। हमारी कोशिश है कि सभी घायलों को वहां से जल्द से जल्द निकाला जाए। उन्होंने कहा कि स्थानीय पुलिस मौके पर तत्काल पहुंच गई थी। बात जरूर है कि राहत बचाव कार्य के लिए पुलिस के पास चूंकि कोई साधन नहीं था, लिहाजा कार्य थोड़ी देर में शुरू हुआ। डीजीपी ने कहा कि एनडीआरएफ एक प्रोफेशनल टीम है, वह अपना काम कर रही है।

डीएम रामेश्वर मिश्रा ने कहा रेस्क्यू वर्क चल रहा है। एनडीआरएफ के साथ ही जिला प्रशासन व पूरा अहम इसमें लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि मेडिकल टीमें मौके पर लगी हुई है। उन्होंने कहा कि अभी राहत बचाव कार्य चल रहा है। कार्य पूरा होने के बाद जांच की जाएगी कि ये हादसा कैसे हुआ।

अलर्ट किए गए अस्पताल

हादसे को देखते हुए सभी अस्पतालों को प्रशासन ने अलर्ट कर दिया। दीनदयाल अस्पताल व मंडलीय चिकित्सालय में छह डाक्टरों की टीम के साथ दस स्टाफ नर्स समेत मेडिकल स्टाफ तैनात करने के साथ 15 बेड रिजर्व कर दिए गए। वहीं बीएचयू ट्रामा सेंटर में इमरजेंसी वार्ड भी तुरंत बनाया गया। सूचना देकर जिले में तैनात सभी एंबुलेंस तत्काल मौके पर बुला ली गईं। इसकी कमान खुद सीएमओ ने संभाली लेकिन हादसे के दो घंटे बाद भी किसी भी फंसे व्यक्ति को नहीं निकाले जा सकने से डाक्टर लाचार स्थिति में रहे। 

स्थानीय लोग आए सहयोग में

फ्लाईओवर के नीचे दर्जनों लोगों के फंसे होने की सूचना के बाद उनको बचाने की कोशिश शाम से ही की जा रही है। भीड़ भरा इलाका होने की वजह से प्रशासन भी लोगों को बचाने के लिए मौके पर पहुंच रहा है साथ ही आपदा राहत बल भी मौके पर पहुंच कर फंसे लोगों को देर रात तक बचाने की कोशिश में लगा रहा। हालांकि स्थानीय लोगों के सहयोग से फंसे लोगों को निकालने का क्रम भी इस दौरान बना रहा।

मुख्यमंत्री ने दुःख व्यक्त किया, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य वाराणसी रवाना

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज वाराणसी में कैण्ट स्टेशन के सामने निर्माणाधीन पुल के स्पैन के गिरने की दुर्घटना पर दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग तथा अन्य सम्बन्धित विभागों को बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर चलाने के निर्देश दिये हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ मौके पर मौजूद है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि इस हादसे में घायल लोगों की समुचित चिकित्सा व्यवस्था तथा हर सम्भव मदद सुनिश्चित की जाए। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य घटना स्थल पर पहुंचने के लिए वाराणसी रवाना हो गये हैं।

लग गया कई किलोमीटर लंबा जाम

हादसे की वजह से यातायात भी दोनों तरफ बाधित हो गया तो काफी लंबी दूरी तक जाम की स्थिति भी बन गई। लोगों को बचाने के साथ पुलिस यातायात को सुचारु रूप से संचालित करने में व्यस्त हो गई। फ्लाईओवर का चौकाघाट स्थित बस स्टैंड से लेकर लहरतारा तक विस्तार किया जा रहा था लिहाजा हादसे के बाद कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया।

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