लोको पायलट ने ट्रैक पर देखा लोहे का पांच फीट लंबा रॉड, ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोका
कछवां क्षेत्र में इस महीने तीसरी बार ट्रेन काे पलटने की साजिश सामने आई है, इस बार पांच फीट लंबा लोहे का रॉड ट्रैक पर रखा, हालांकि सतर्कता से हादसा टल गया।
वाराणसी, जेएनएन। कछवां क्षेत्र में इस महीने तीसरी बार ट्रेन काे पलटने की साजिश सामने आई है। निगतपुर से राजातालाब स्टेशन के बीच बहरवां हाल्ट के पास गेट संख्या 14सी के निकट सोमवार की शाम करीब 18:30 बजे 12792 दानापुर-सिकंदरापुर एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बची। ट्रेन जब निगतपर स्टेशन से बढ़ी तभी लोको पायलट ने ट्रैक पर लोहे का पांच फीट लंबा रॉड देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी को रोका। इसके बाद ट्रैक से राड को हटाकर स्टेशन मास्टर को सूचना दी। घटना के चलते ट्रेन को 40 मिनट रोकना पड़ा। पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि देर शाम घटना के बाद मौके पर पहुंचे आरपीएफ व स्टेशन प्रबंधन ने मामले की संयुक्त जांच शुरू कर दी है।
बाल बाल बचा हादसा : पहली घटना में दिल्ली मंडुवाडीह एक्सप्रेस ट्रेन को पलटने के लिए अराजकतत्वो ने रेलवे लाईन पर फाटक से निकले लोहे के गार्डर को रख दिया था। उसी दौरान तेज गति से आ रही एक्सप्रेस ट्रेन के लोको पायलट की सतर्कता से आपातकालीन ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका गया पर गार्डर ट्रेन के इंजन में फंसकर कुछ दूर तक घिसटता चला गया, दूसरी बार भी रेलवे लाईन की किनारे पड़े लोहे के गार्डर को रेलवे लाईन पर रखकर बीते दिनों चौरी चौरा एक्सप्रेस को पलटने का प्रयास हुआ पर सफल नही हो सके।
महीने में तीसरी घटना : अब अराजकतत्वो का तीसरा प्रयास सोमवार की रात हुआ जब सिकन्दरा एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त कराने के लिए राजातालाब वाराणसी रेलवे स्टेशन और नीगतपुर रेलवे स्टेशन मीरजापुर के मध्य लोहे का रॉड रख दिया। हालांकि सतर्कता की वजह से कोई हादसा नहीं हुआ। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के चलते ट्रेन बेपटरी हो सकती थी। इससे पहले गर्डर रखने के कारण गोरखपुर-पुणे एक्सप्रेस और क्रासिंग गेट का टूटा राड रखने से मंडुआडीह सुपरफास्ट एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने से बची है।