PM Modi News: पीएम मोदी का नामांकन… आखिरी दिन ही क्यों? उनके ही ट्वीट में छिपा है राज, यह है बड़ी वजह
सनातन की पताका लहरा रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के लिए काशी से तीसरी बार नामांकन में संपूर्ण शास्त्रीय विधान का ध्यान रखेंगे। पर्चा दाखिला के लिए चुनी गई तिथि वैशाख शुक्ल सप्तमी है। गंगा की उत्पत्ति तिथि होने से वैशाख शुक्ल सप्तमी तो वैसे भी बेहद पुण्यकारी मानी जाती है। इस बार नक्षत्रराज पुष्य के साथ सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग का संयोग भी बन रहा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। सनातन की पताका लहरा रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के लिए काशी से तीसरी बार नामांकन में संपूर्ण शास्त्रीय विधान का ध्यान रखेंगे। पर्चा दाखिला के लिए चुनी गई तिथि वैशाख शुक्ल सप्तमी है।
धर्मशास्त्रीय मान्यता है कि इस तिथि में ही मां गंगा की स्वर्ग में उत्पत्ति हुई और उन्होंने भगवान शिव की जटाओं में स्थान पाया। पर्व विशेष पर स्नान का विशेष महत्व है। पर्व मान के अनुसार मोदी नामांकन से पहले दशाश्वमेध घाट पर गंगा स्नान करेंगे।
गंगा की उत्पत्ति तिथि होने से वैशाख शुक्ल सप्तमी तो वैसे भी बेहद पुण्यकारी मानी जाती है। इस बार नक्षत्रराज पुष्य के साथ सर्वार्थ सिद्धि व रवि योग का संयोग भी बन रहा है। ज्योतिर्विदों के अनुसार दोनों ही योग कार्य सिद्धि के लिए विशेष शुभ माने जाते हैं।
पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखी ये बात
पीएम मोदी के अंतर्मन में यह भाव भी है कि गंगा ने उन्हें गोद लिया है। वह पहले ऐसा कह चुके हैं और रोड शो के बाद भी उन्होंने एक्स पर लिखा, ‘आपके स्नेह की छांव में दस वर्ष कैसे बीत गए, पता ही नहीं चला। तब मैंने कहा था कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है। आज मां गंगा ने मुझे गोद ले लिया है’।
बाबा विश्वनाथ की नगरी की देवतुल्य जनता-जनार्दन का नमन और वंदन!
आज मेरा रोम-रोम काशी के कण-कण का अभिनंदन कर रहा है। रोड शो में आप सबसे जो अपनत्व और आशीर्वाद मिला है, वो अकल्पनीय और अतुलनीय है। मैं अभिभूत और भावविभोर हूं! आपके स्नेह की छांव में 10 वर्ष कैसे बीत गए, पता ही नहीं… pic.twitter.com/FrzzjtlDNG— Narendra Modi (@narendramodi) May 13, 2024
हालांकि, पीएम यह भी कह चुके हैं, ‘पहली बार से अब तक जितने भी नामांकन किए, मां के पैर छूकर जाता रहा। यह मेरी जिंदगी का पहला चुनाव है जब मैं मां का पैर छुए बिना जाऊंगा। लेकिन मन में भाव भी आता है कि 140 करोड़ के देश की करोड़ों माताएं हैं, उन्होंने जिस प्रकार से मुझे प्यार दिया है, आशीर्वाद दिया है, उनका स्मरण करके जाऊंगा और फिर मां गंगा तो हैं ही’।