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लोग बताएं मैंने जो कहा था- चाहा था, वैसा हुआ या नहीं; काशी में पीएम मोदी ने जनता से किया सवाल

PM Modi Varanasi Visit प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ उनके कामों की कसौटी और परीक्षा है। सरकार की ओर से चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक उन्हें लाभार्थियों से मिल रहा है। वह जानना चाहते हैं कि उन्होंने जो कहा था चाहा था वैसा हुआ है या नहीं। बोले-’यह मैं लोगों के मुंह से सुनना चाहता हूं’।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyUpdated: Mon, 18 Dec 2023 07:52 AM (IST)
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लोग बताएं मैंने जो कहा था- चाहा था, वैसा हुआ या नहीं; काशी में पीएम ने जनता से किया सवाल
जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ उनके कामों की कसौटी और परीक्षा है। सरकार की ओर से चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का फीडबैक उन्हें लाभार्थियों से मिल रहा है।

वह जानना चाहते हैं कि उन्होंने जो कहा था, चाहा था, वैसा हुआ है या नहीं। बोले-’यह मैं लोगों के मुंह से सुनना चाहता हूं’। जब गरीब को पक्का घर, गैस सिलेंडर मिलता है तो वे स्वयं को सशक्त और आश्वस्त महसूस करते हैं। इससे संतोष तो मिलता ही है, आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

संकल्प यात्रा देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का बीज है, जो अगले 25 वर्षों में वटवृक्ष बनेगा। प्रधानमंत्री दो दिवसीय वाराणसी दौरे के पहले दिन कटिंग मेमोरियल मैदान में आयोजित विकसित भारत संकल्प यात्रा को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने काशी-तमिल संगमम के दूसरे संस्करण का नमो घाट पर शुभारंभ भी किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकारें बहुत आईं, योजनाएं बहुत बनीं, बातें भी बड़ी-बड़ी हुईं, मगर सोचने वाली बात यह है कि सरकार जो योजना बनाती है, जिनके लिए बनाती है और जिस लक्ष्य के लिए बनाती है, क्या वह बिना परेशानी के सही समय पर लाभार्थियों तक पहुंचीं।

पीएम आवास योजना के तहत चार करोड़ परिवारों को पक्के घर दिए गए। कांग्रेस के ‘गरीबी हटाओ’ नारे पर निशाना साधते हुए कहा कि अब गरीब कहता है कि जिस दिन उसके घर में गैस सिलेंडर चूल्हा आया, उनके लिए अमीर-गरीब के बीच का अंतर खत्म हो गया।

कोई कहता है, पक्का घर से जिंदगी आत्मविश्वास से भर गई है। संकल्प यात्रा से सरकार जनता के पास पहुंच रही है। प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्हें योजनाओं के लाभार्थियों से आशीर्वाद तो मिलता ही है, अफसरों का आत्मबल भी बढ़ता है।

यदि 140 करोड़ देशवासी इस संकल्प से भर जाएं कि देश को विकसित बनाना है तो इस वट वृक्ष की छाया उनके ही बच्चों को मिलेगी।

देश में एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना प्रबल हुई प्रधानमंत्री ने नमो घाट से कन्याकुमारी वाराणसी काशी-तमिल संगमम ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। काशी व तमिलनाडु के संबंधों का स्मरण किया और महाकवि सुब्रह्मण्य भारती को प्रणाम किया। कहा, पिछले वर्ष काशी-तमिल संगमम शुरू होने के बाद से इस यात्रा में बड़ी संख्या में लोग जुड़ते जा रहे हैं।

धर्मगुरु, छात्र, साहित्यकार, शिल्पकार समेत कितने ही क्षेत्रों के लोगों को संवाद का प्रभावी मंच मिला है। खुशी है कि संगमम को सफल बनाने के लिए बीएचयू व आइआइटी मद्रास साथ आए हैं। आइआइटी मद्रास ने बीएचयू के छात्रों को विज्ञान व गणित में सहयोग देने के लिए ‘विद्या शक्ति इनिशिएटिव’ शुरू किया है।

यह आयोजन एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को मजबूत कर रहा है। यह भावना उस समय भी नजर आई जब हमने नए संसद भवन में प्रवेश किया, जहां पवित्र सेंगोल की स्थापना की गई। विविधताओं के अपने देश के सहज स्वरूप को देखकर अभी जी-20 सम्मेलन के दौरान आए मेहमान अचंभित थे।

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