वाह रे UP पुलिस! 70 की बजाए 7 ग्राम सोने के गहने चोरी का किया केस, काशी में दर्शन करने आए दंपती संग हुई वारदात
काशी के गौरी केदारेश्वर मंदिर में तेलंगाना के दंपती के ऊपर दूध गिराकर उनके गहने उड़ा लिए गए थे। मंदिर परिसर से बाहर निकलने पर घटना की जानकारी हुई तो पहले डायल 112 से पुलिस और सिपाही पहुंचे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। जिसके बाद पीड़िथ थाने पर गए जहां अंग्रेजी में तहरीर लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद जानें मामला कैसे आगे बढ़ गया...
जागरण संवाददाता, वाराणसी। वाह रे भेलूपुर पुलिस। गौरी केदारेश्वर मंदिर में तलंगाना के दंपती के जेवरात चोरी मामले में सिफारिश पर रिपोर्ट तो दर्ज कर ली, लेकिन चोरी गए 70 ग्राम सोने को 7.05 ग्राम दिखा दिया। पीड़ित दंपती आश्चर्य चकित है कि यूपी में कानून का राज होने के बाद भी सिफारिश पर रिपोर्ट दर्ज भी हुई तो उसका राजफाश होने पर भी उनके लिए कोई मतलब नहीं निकलेगा। क्योंकि पत्नी का चोरी गया साढ़े चार तोला का मंगलसूत्र और मेरा ढाई तोला का सोने का चेन करीब साढ़े चार लाख का था।
गया में ससुर का तर्पण कर काशी में रुके थे दर्शन के लिए
तेलंगाना के रंगारेड्डी जनपद अंतर्गत गांव शाना भनचाल के प्रसन्न कुमार शर्मा अपनी पत्नी उमा और सास रामा लक्ष्मी के अलावा परिवार के ही चंद्रकला, भाष्कर रेड्डी, सुवर्णा के साथ अपने दिवंगत ससुर सुब्बा रायडू का तर्पण करने गया (बिहार) गए थे।
गया से सात अक्टूबर की रात लौटे तो पांडेय हवेली रिशन बाबा आश्रम करिवेना सत्तम मठ में रुक गए थे। आठ अक्टूबर की सुबह भेलूपुर में गौरी केदारेश्वर मंदिर में दर्शन को सभी पहुंचे थे। मंदिर में दर्शन को खड़े लोगों ने प्रसन्न और उनकी पत्नी उमा के ऊपर दूध गिरा दिए।
दंपती दूध को साफ करने लगे, उसी दौरान चोरों ने 70 ग्राम सोना निर्मित जेवरात पार कर दिए थे। मंदिर से बाहर आने पर घटना की जानकारी हुई तो सभी परेशान हो उठे। डायल 112 पुलिस और सिपाही पहुंचा लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता देख पीड़ित पुलिस चौकी अस्सी पहुंचे, लेकिन निराश होकर भेलूपुर थाने आए। पुलिसकर्मियों के कहने पर रात नौ बजे इंस्पेक्टर राजेश सिंह से मिले तो उन्होंने कहा कि भोलेनाथ ने कहा था जेवर पहनकर दर्शन करिए।
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वापस कर दी अंग्रेजी में तहरीर
भेलूपुर पुलिस के लिए अंग्रेजी में तहरीर मिलना सबसे बड़ी परेशानी थी। पीड़ित प्रसन्न कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस केस दर्ज करने के लिए मुझसे हिंदी में तहरीर मांग रही थी। मेरे लिए यह मुश्किल काम था, इसलिए गूगल के जरिए तहरीर को हिंदी में कनवर्ट कर दे दिया। वाराणसी धार्मिक नगरी के साथ ही पर्यटन का केंद्र भी इसलिए यहां सभी भाषाओं में तहरीर ली जानी चाहिए।
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क्या कहते हैं अधिकारी
पीड़ित मुझसे मिला तो रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया। फालोअप किया तो पता चला कि रिपोर्ट दर्ज भी हो गई। तहरीर के इतर रिपोर्ट दर्ज नहीं होनी चाहिए। दिखवाऊंगा कि तहरीर में पीड़ित ने क्या लिखकर दिया है।’ -चंद्रकांत मीणा, एडीसीपी।