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वाराणसी में लगाये गये गुजराती नरेंद्र मोदी को बनारस छोड़ने के पोस्टर

जराती नरेंद्र मोदी बनारस छोड़ो, यूपी बिहार एकता मंच की तरफ से यह पोस्टर लगाये गयें हैं। बनारस में रह रहे गुजरातियों व मराठियों के एक सप्ताह में बनारस छोड़ने की चेतावनी जारी की गई है।

By Ashish MishraEdited By: Updated: Tue, 09 Oct 2018 11:00 AM (IST)
वाराणसी में लगाये गये गुजराती नरेंद्र मोदी को बनारस छोड़ने के पोस्टर
वाराणसी (जेएनएन)। वाराणसी शहर में पोस्टर लगाए जा रहे हैं, जिसमें लिखा है कि गुजराती नरेंद्र मोदी बनारस छोड़ो, यूपी बिहार एकता मंच की तरफ से यह पोस्टर लगाये गयें हैं। बनारस में रह रहे गुजरातियों व मराठियों के एक सप्ताह में बनारस छोड़ने की चेतावनी जारी की गई है। 

बताते चलें कि गुजरात के साबरकांठा जिले में एक बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के बाद यूपी-बिहार के लोगों पर हमले के कारण उनका पलायन जारी है। उत्तर भारतीय विकास परिषद के अध्यक्ष महेशसिंह कुशवाह ने दावा किया है कि एक सप्ताह में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के 20 हजार से ज्यादा लोग राज्य छोड़कर जा चुके हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बिहार सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात कर हालात पर चिंता जताई। रूपाणी ने उन्हें लोगों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया है। बताया कि पिछले 48 घंटों में हिंसा की एक भी घटना नहीं हुई है।

गुजरात से उत्तर भारतीयों के पलायन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को वहां के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से बात की। गुजरात के मुख्यमंत्री ने योगी से कहा कि चिंता की कोई बात नहीं। मेरी सरकार सबके सम्मान और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैै। तीन दिनों से उत्तर भारतीय समुदाय के लोगों के साथ कहीं कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। स्थानीय प्रशासन पर भरोसा रखें और उनसे सहयोग करें।
वार्ता के बाद जारी बयान में योगी ने कहा कि गुजरात शांतिप्रिय प्रदेश होने के साथ खुद में देश के लिए विकास का मॉडल भी है। विकास विरोधी लोग ही अफवाह फैलाकर वहां की सामाजिक समरसता को बिगाडऩे की साजिश रच रहे हैं। गुजरात सरकार ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने हालात से निबटने के लिए गुजरात सरकार की पहल की सराहना की। कहा कि पूरे घटनाक्रम पर प्रदेश सरकार की नजर है। मैं लगातार वहां की सरकार के संपर्क में हूं।
मालूम हो कि पिछले दिनों एक बच्ची से दुष्कर्म के मामले में बिहार के एक व्यक्ति का नाम आने के बाद से ही गुजरात में उत्तर भारतीय (बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश) समुदाय के लोगों पर हमले की घटनाएं हुईं। इन लोगों को गुजरात छोडऩे की धमकियां दी जा रही हैं। दहशत के चलते बड़ी संख्या में लोगों ने वहां से पलायन किया। अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत, मेहसाणा, सांबरकांठा आदि जिले इससे सर्वाधिक प्रभावित हैं। शुरू में हालात इतने खराब थे कि गुजरात सरकार को पुलिस कर्मियों की छुट््िटयां रद्द करनी पड़ीं। हालात अब नियंत्रण में हैं पर दहशत के नाते उत्तर भारतीयों का पलायन अब भी जारी है। ये सिलसिला रुका नहीं तो वहां के उद्योग जगत के लिए श्रमिकों का संकट पैदा हो जाएगा।

ट्वीट कर मुख्यमंत्री ने की अपील
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार देर शाम ट्वीट कर सुरक्षा के लिए आश्वस्त करने के साथ ही अपील भी की है। उन्होंने कहा, 'गुजरात एक शांतिप्रिय प्रदेश है एवं देश के विकास का मॉडल भी है। मैैं अपील करता हूं कि सभी व्यक्ति स्थानीय प्रशासन में विश्वास रखें तथा सभी लोग शासन व प्रशासन को अपना सहयोग दें। हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है।

सीएम विजय रूपाणी ने कहा है कि जब रेप के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है तो निर्दोष लोगों पर हमले बर्दाश्त नहीं किए जा सकते हैं। जो दोषी है सरकार उसे छोड़ेगी नहीं और उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

विजय रुपाणी ने कहा गुजरात के साबरकांठा जिले में 14 माह की बच्ची से बलात्कार की घटना के बाद गैर-गुजरातियों पर कथित तौर पर हमला करने के मामलों में गुजरात के विभिन्न भागों से पुलिस ने अब तक 342 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद राज्य के कई हिस्सों में गैर- गुजरातियों, खासतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा, साबरकांठा जिले में 14 माह की बच्ची से रेप के चार्ज में जब आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है तो फिर बाकियों के साथ ऐसा नहीं किया जा सकता है। उन्होंने इस बात का भरोसा दिलाया है कि वह निर्दोषों को किसी भी कीमत पर सजा नहीं मिलने देंगे।

गुजरात एक बार फिर सुर्ख़ियों में है, जहाँ कुछ लोग कुछ लोगों के इशारे पर अमन-चैन बिगाड़ रहे हैं और हिंदीभाषियों के विरोध के नाम पर नफ़रत की राजनीति को फैला रहे हैं. केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार इसके लिए पूरी तरह से ज़िम्मेदार है.

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 8, 2018

क्या था मामला

28 सितम्बर को एक बच्ची के साथ कथित रूप से बलात्कार करने के लिए बिहार के एक निवासी को गिरफ्तार किये जाने के बाद गैर-गुजरातियों को निशाना बनाया गया और सोशल मीडिया पर घृणा संदेश फैलाये गये। पुलिस महानिदेशक शिवानंद झा ने बताया कि मुख्य रूप से छह जिले (हिंसा से) प्रभावित हुए है। मेहसाणा व साबरकांठा सबसे अधिक प्रभावित हुए है। इन जिलों में, 42 मामले दर्ज किये गये है और अब तक 342 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जांच के दौरान आरोपियों के नाम सामने आने के बाद और लोगों को गिरफ्तार किया जायेगा।

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