आयात-निर्यात करने वाले यूपी के 12 जिलों में बनेंगे पोटेंशियल एक्सपोर्ट हब, भारत सरकार की पहल
आयात-निर्यात करने वाले प्रदेश के 12 जिलों को पोटेंशियल एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाएगा। केंद्र की पहल पर इन जिलों में आयात निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। इन जिलों में एक्सपोर्ट हाउस का भी निर्माण होगा।
By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Fri, 27 May 2022 05:10 AM (IST)
भदोही, जितेंद्र उपाध्याय। आयात-निर्यात करने वाले प्रदेश के 12 जिलों को पोटेंशियल एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाएगा। केंद्र की पहल पर इन जिलों में आयात, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। इन जिलों में एक्सपोर्ट हाउस का भी निर्माण होगा। ताकि विदेश से आने वाले खरीदार यहां रुक कर मार्केटिंग कर सकें। यह सुविधा भदोही के अलावा वाराणसी, मीरजापुर, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, फिरोजबाद, मुरादाबाद, बरेली समेत 12 जिलों में होने जा रही है।
सरकार के निर्देश पर उद्योग प्रोत्साहन व उद्यमिता विकास केंद्र के तहत इन जिलों में राजस्व बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। भदोही में कालीन का सालाना एक्सपोर्ट लगभग छह हजार करोड़ होता है। इसी तरह वाराणसी की साड़ी, कारपेट व अन्य उत्पाद निर्यात होते हैं, मीरजापुर में भी कालीन का निर्यात होता है। अन्य जनपदों में वहां के तैयार उत्पादों का एक्सपोर्ट किया जाता है। वहीं विदेश से कच्चे माल का यहां आयात भी होता है। इन जनपदों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने राजस्व के लिहाज से पोटेंशियल हब बनाने की तैयारी की है। इसमें पहले चक्र में निर्यातकों संग बैठक कर जिले की स्थिति, क्या सुविधाएं बढ़नी चाहिए जिससे व्यापार बढ़ सके, किन योजनाओं से उद्याेग को नुकसान पहुंच रहा है आदि पर प्रस्ताव मांगे जा रहे हैं। हर जिलों से सुविधाएं और समस्याएं निबटारे के बाद कितना व्यापार बढ़ जाएगा, आदि बिंदुओं पर कंपाइल रिपोर्ट प्रदेश सरकार के माध्यम से भारत सरकार को जाएगी। वहां से योजना को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मूर्त रूप दिया जाएगा।
12 जिलों को पोटेंशियल एक्सपोर्ट हब के रूप में विकसित किया जाय
उपायुक्त उद्योग, हरेंद्र कुमार यादव
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