वाराणसी के रामनगर में पराग डेयरी में बायोगैस एनर्जी प्लांट लगाने की तैयारी, पर्यावरण रहेगा सुरक्षित
किसानों से दूध के साथ ही पशुओं का गोबर भी खरीदा जाएगा। गोबर से बिजली उत्पन्न की जाएगी।जिससे प्लांट की बिजली खपत भी कम होगी। वहीं नगर से निकलने वाले कचरे को भी उपयोग में लाने की योजना है।इससे पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।
By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 15 Jul 2021 08:50 AM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता। भारत सरकार ने पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने के साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा के लिए एक नई योजना की शुरुआत कर रही हैं। इसके लिए पराग डेयरी में इस योजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी है। अब डेयरी में बायोगैस एनर्जी प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। प्लांट लगने के बाद किसानों से दूध के साथ ही पशुओं का गोबर भी खरीदा जाएगा। गोबर से बिजली उत्पन्न की जाएगी। जिससे प्लांट की बिजली खपत भी कम होगी। वहीं नगर से निकलने वाले कचरे को भी उपयोग में लाने की योजना है।इससे पर्यावरण सुरक्षित रहेगा और नगर निगम व नगर पालिका अधिकारियों की परेशानी भी खत्म हो जाएगी। कार्य को गति देने के लिए शुक्रवार को डेयरी कैंपस में पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार के सचिव अतुल कुमार चतुर्वेदी पराग के एमडी वीरेंद्र कुमार सिंह सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक होंगी। संभावना है कि प्रस्ताव पास होने के बाद काफी कुछ बदलाव देखने को मिलेगा।
इस योजना का लाभ सीधे पशु पालने वालो को मिलेगा।अभी तक किसान गोबर को जहां तहां फेंक देते थे या फिर खेतों में इस्तेमाल करते थे।एनर्जी प्लांट लगाने से किसान गोबर बेचकर आमदनी बढ़ा सकते हैं तो वहीं डेयरी बिजली की कम खपत करेगा। प्लांट में प्रस्तावित गोबर प्लांट से लगभग 500 से 600 केवीए बिजली निकालने का दावा किया जा रहा है।हालांकि अभी किसानों से गोबर कितने दाम पर लिया जाएगा, यह तय नहीं हो पाया है। अभी वरिष्ठ अधिकारी योजना को शुरू करने से पहले इत्मिनान से हर चीज का अवलोकन करेंगे।इसके बाद आगे की योजना तैयारी होगा।गुरुवार को डेयरी के एमडी वीरेंद्र कुमार सिंह डेयरी पहुंचेंगे और अधिकारियों संग बैठक करेंगे। अगले दिन शुक्रवार को पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय भारत सरकार के सेक्रेटरी अतुल कुमार चतुर्वेदी पहुंचेंगे। वरिष्ठ अधिकारियों के आगमन को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
नगर के कचरे का भी करेंगे इस्तेमाल
बायोगैस एनर्जी प्लांट से कई लाभ मिलने की उम्मीद है। गोबर से बिजली उत्पन्न करने के साथ ही नगर निकायों के वार्डों से निकलने वाले कचरे को भी इस्तेमाल किया जाएगा। इससे नगर निगम व नगर पालिका के अधिकारियों को भी कूड़ा निस्तारण में आसानी होगी। अभी तक कूड़ा निस्तारण के लिए काफी दूर जाना पड़ता था।अपशिष्ट से खाद भी बनाने की पहल की जाएगी।
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