PM Modi Varanasi Visit: प्रधानमंत्री मोदी अक्टूबर के पहले हफ्ते में आ सकते हैं काशी, हरकत में आए अफसर
PM Modi Varanasi Visit प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अक्टूबर माह में काशी आ सकते हैं। इसे लेकर अफसरों ने तैयारियां शुरु कर दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रशासन से पूर्ण व गतिमान परियोजनाओं की जानकारी मांगी है। कार्यदायी एजेंसियों से प्रगति रिपोर्ट मांगी जा रही है। कमिश्नर ने पहले ही सभी एजेंसियों को तय अवधि में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraUpdated: Sun, 03 Sep 2023 03:28 PM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र का दौरा अक्टूबर के पहले हफ्ते में कर सकते हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रशासन से पूर्ण व गतिमान परियोजनाओं की जानकारी मांगी है। पीएम के दौरे के दृष्टिगत प्रशासनिक तैयारी तेज हो गई है। कार्यदायी एजेंसियों से प्रगति रिपोर्ट मांगी जा रही है। कमिश्नर ने पहले ही सभी एजेंसियों को तय अवधि में कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।
हो सकता है सांसद सांस्कृतिक महोत्सव का मेगा इवेंट
प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों ने पिछले दिनों पीएम के काशी में आगामी दौरों के बाबत शासन व प्रशासन के अधिकारियों के संग मंथन किया था। हालांकि अधिकारियों ने पीएम के आने का कोई संकेत नहीं दिया था लेकिन अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर में पूर्ण होने वाली परियोजनाओं को समय से पूरा कराने को कहा था। इसी के दृष्टिगत अक्टूबर तक पूर्ण होने वाली परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास की सूची तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि पीएम का अक्टूबर में आने का कार्यक्रम तय हुआ तो सांसद सांस्कृतिक महोत्सव का मेगा इवेंट भी उसी समय आयोजित हो सकता है।
प्रधानमंत्री के फ्लीट में शामिल होने वाली गाड़ियां अब शिवपुर में उतरेंगी
प्रधानमंत्री के फ्लीट में शामिल होने वाली गाड़ियां अब शिवपुर में उतरेंगी। शिवपुर में इसके लिए रेलवे लाइन के पीछे कंक्रीट का लंबा-चौड़ा स्थल बनाया गया है। रेलवे के इस निर्णय के साथ ही प्रधानमंत्री के सितंबर या अक्टूबर माह में वाराणसी दौरे पर आने की चर्चाओं को बल मिलने लगा है। प्रधानमंत्री के दाैरे से चार-पांच दिन पूर्व ही उनके फ्लीट में शामिल गाड़ियां मंगवाई जाती हैं।पार्सल वैन से लाई जाती हैं प्रधानमंत्री के फ्लीट की गाड़ियां
फ्लीट की गाड़ियों को अभी तक कैंट रेलवे स्टेशन पर उतारे जाने की व्यवस्था थी। यार्ड री-माडलिंग का कार्य 45 दिनों तक होने के कारण नई व्यवस्था की गई है। गाड़ियां पार्सल वैन से लाई जाती हैं। इन्हें उतारने के लिए ट्रैक से सटे ऊंचा प्लेटफार्म बनाया गया है। जिससे गाड़ियों को किसी तरह की क्षति न होने पाए। हालांकि, रेल अधिकारी इस बारे में कुछ भी बताने से साफ तौर पर मना कर दिए। हालांकि, यह व्यवस्था अस्थाई की गई है।
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