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पुलिस को चकमा देकर कोर्ट से बंदी फरार, वाराणसी की पुलिस अलर्ट पर; देर रात तक SOG ने भी की छानबीन

बड़ागांव के कुड़ी गांव का 23 वर्षीय महफूज अहमद पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस ने आरोपित सिपाही सुधाकर सिंह के खिलाफ ड्यूटी में लापरवाही बरतने और बंदी महफूज के खिलाफ चकमा देकर भागने का मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस की तीन टीमें गिरफ्तारी में जुटीं तो 50 से ज्यादा कैमरे देखे गए जिसमें वह सात बार नजर आया लेकिन हाथ नहीं आया।

By Rakesh Srivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Fri, 30 Aug 2024 09:37 AM (IST)
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कचहरी परिसर से भागते समय सीसीटीवी कैमरे में दिखाई देता आरोपित।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। जिला जेल से गुरुवार दोपहर एसीजेएम कोर्ट में पेशी पर लाया गया बड़ागांव के कुड़ी गांव का 23 वर्षीय महफूज अहमद पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। फरार बंदी की गिरफ्तारी के लिए वरुणा और गोमती जोन की पुलिस के अलावा एसओजी देर रात तक दौड़ भाग करती रही, लेकिन नतीजा सिफर रहा। खोजबीन में बंदी महफूज को लॉकअप से कोर्ट तक लाने वाला सिपाही सुधाकर सिंह भी जुटा था।

पुलिस लाइन के दारोगा गणेश पांडेय ने कैंट थाना में आरोपित सिपाही सुधाकर सिंह के खिलाफ ड्यूटी में लापरवाही बरतने और बंदी महफूज के खिलाफ चकमा देकर भागने का मुकदमा दर्ज कराया है।

चोरी के मामले में पेशी थी

पुलिस लाइंस की फोर्स जिला जेल से बंदियों को पेशी कराने कोर्ट लाई थी। जिसमें महफूज अहमद भी चोरी के केस में लाया गया था। रामनगर के अंबरीश कुमार सिंह ने 26 अगस्त को बड़ागांव थाने में महफूज के खिलाफ मोबाइल और सोने की चेन चोरी करने का केस दर्ज कराया था। सिपाही सुधाकर सिंह लाकअप से महफूज को लाकर पेश किया था, उसी दौरान चकमा देकर भाग निकला।

अंतिम बार शिवपुर रेलवे क्रासिंग पर दिखा

महफूज कचहरी से भागा तो पुलिसकर्मी परेशान हो उठे। पुलिस की तीन टीमें गिरफ्तारी में जुटीं तो 50 से ज्यादा कैमरे देखे गए, जिसमें वह सात बार नजर आया, लेकिन हाथ नहीं आया। कचहरी में लगे सीसीटीवी कैमरे में भागते बाहर आने के बाद टेंपो पकड़कर आंबेडकर चौराहा पर पहुंचा, जहां से दूसरे टेंपो पर सवार होकर जेपी मेहता कालेज के पास पहुंचा फिर वहां तीसरे टेंपो पर सवार होकर गिलट बाजार गया।

वहां अपनी लाल शर्ट उतार पहचान छिपाने के लिए ग्रे टी-शर्ट में हो गया और चौथे टेंपो पर सवार होकर शिवपुर रेलवे क्रासिंग पहुंचा, जहां के बाद पुलिस को नजर नहीं आया।

सिपाही की नहीं होगी गिरफ्तारी

नए कानून में भारतीय न्याय संहिता की धारा 261 में सिपाही के खिलाफ केस दर्ज होगा। इसमें दो साल की सजा का प्रविधान होने के कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा सकेगी। फैसला आने पर ही गिरफ्तारी होगी।

डीसीपी वरुणा जोन चंद्रकांत मीणा ने बताया- एडीसीपी खुद आपरेशन की मानीटरिंग कर रहे हैं। एसीपी विदुष सक्सेना के नेतृत्व गठित तीन टीमें बंदी की खोजबीन में जुटी हैं। जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा। बंदी के घर, सवारी वाहनों तक चेक किए जा रहे हैं।

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