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नए साल के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगा अमूल प्लांट का उत्पादन, बनारस का लौंगलता व लाल पेड़ा भी होगा लांच

करखियांव एग्रो पार्क में अमूल प्लांट जमीन पर मूर्तरूप लेने लगा है। जनवरी के पहले सप्ताह से प्लांट से उत्पादन शुरू करने की तैयारी है। इसके बाद प्रधानमंत्री का जब भी काशी आगमन होगा इसका भव्य लोकार्पण होगा। साइलो के साथ ही प्रोसेसिंग पैकेजिंग चिलिंग ब्यावलर समेत लगभग शत प्रतिशत मशीनें इंस्टाल हो चुकी हैं। प्लांट से प्रथम चरण में पांच लाख पैकेट बंद दूध उत्पादन का लक्ष्य है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Pandey Updated: Sun, 24 Dec 2023 01:37 PM (IST)
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नए साल के पहले सप्ताह में शुरू हो जाएगा अमूल प्लांट का उत्पादन
विकास ओझा, वाराणसी। करखियांव एग्रो पार्क में अमूल प्लांट जमीन पर मूर्तरूप लेने लगा है। जनवरी के पहले सप्ताह से प्लांट से उत्पादन शुरू करने की तैयारी है। इसके बाद प्रधानमंत्री का जब भी काशी आगमन होगा, इसका भव्य लोकार्पण होगा।

साइलो के साथ ही प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, चिलिंग, ब्यावलर समेत लगभग शत प्रतिशत मशीनें इंस्टाल हो चुकी हैं। प्लांट से प्रथम चरण में पांच लाख पैकेट बंद दूध उत्पादन का लक्ष्य है।

एक माह में होगा तीन लाख किलो मिठाई का उत्पादन

दूध दही, छांछ के साथ मिष्ठान भी बाजार में लाने की तैयारी है। एक माह में लगभग तीन लाख किलो मिठाई उत्पादन होगा। इसमें काजू कतली, पेड़ा, रसगुल्ला, लड्डू समेत कई मिठाइयां शामिल होंगी।

बरकी में 18 दिसंबर को आयोजित जनसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19157 करोड़ की परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास के क्रम में बनास डेरी का नाम लिया था। यह भी कहा था कि बनास डेरी के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी के प्रयास से अमूल प्लांट लगभग तैयार हो चुका है। अगले माह तक प्रारंभ हो जाएगा।

प्रदेश का सबसे बड़ा दुग्ध प्लांट

करखियांव एग्रो पार्क में लगभग तीस एकड़ परिक्षेत्र में 500 करोड़ की लागत से तैयार अमूल प्लांट को प्रदेश का सबसे बड़े दुग्ध प्लांट बताया जा रहा है। इसके प्रांरभ होने पर प्रदेश में श्वेत क्रांति आने की बात तय मानी जा रही है। पूर्वांचल के दुग्ध उत्पादकों की आमदनी बढ़ेगी तो लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। खेती-बाड़ी व पशुपालन की तरफ एक बार बड़े पैमाने पर लोग लौटेंगे। युवाओं को बड़े पैमाने पर परोक्ष व अपरोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

पूर्वांचल के एक लाख दुग्ध उत्पादकों को तत्काल मिलेगा लाभ

अमूल प्लांट के प्रारंभ होते ही बनारस, जौनपुर, गाजीपुर, चंदैली, भदोही समेत 18 जिलों एक हजार से अधिक गांवों के पशुपालकों से दूध लिया जाएगा।

नौ जिलों में खुलेगा मिल्क कलेक्शन सेंटर

गाजीपुर, चंदौली, शाहगंज, मीरजापुर समेत नौ जिलों में दुग्ध कलेक्शन सेंटर की स्थापना लगभग फाइनल हो चुका है। इसके अलावा और भी कलेक्शन सेंटर बनाने की दिशा में कार्य हो रहा है।

चरणबद्ध निर्माण संग रोजगार का सृजन

प्लांट निर्माण के पहले चरण में पांच लाख लीटर पैकेट बंद दूध का उत्पादन का लक्ष्य है। इस दौरान डेढ़ लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्लांट विस्तार के बाद 10 लाख लीटर पैकेट बंद दूध का प्रतिदिन उत्पादन, तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। वाराणसी और समीपवर्ती जनपदों में गांव-गांव कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे।

पशुओं के नस्ल सुधार में आने लगी क्रांति

पशुओं के नस्ल सुधार के लिए अमूल की ओर से शहंशाहपुर में केंद्र खोला गया है। गिर व साहीवाल गाय का संवर्धन भ्रूण प्रत्यारोपण टेक्नोलाजी के माध्यम से बनास डेरी के माध्यम से किया जा रहा है।

बनारस का लौंगलता व लाल पेड़ा भी होगा लांच

पीएम की सोच के मुताबिक अमूल लोकल बनारसी मिठाई लौंगलता व लाल पेड़ा भी बनाएगा। ताकि अमूल प्लांट से बनारस की यह देसी मिठाई देश के कोने-कोने में जा सके व ब्रांड बनारस की धाक बनी रहे।

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