सज गया पूर्वांचल का चुनावी रण, प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के चेहरे साफ; BSP ने कई सीटों पर अभी नहीं खोले पत्ते
पूर्वांचल में लोकसभा चुनाव 6वें-7वें चरण में है। इस कारण थोड़ी सरगर्मी कम थी लेकिन बुधवार-गुरुवार की सूची आने के बाद चर्चा तेज हो गई है। अब दलों की स्थिति स्पष्ट होने लगी है। पूर्वांचल के तीन मंडल आजमगढ़-मीरजापुर-वाराणसी की 12 लोकसभा सीटों में से भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए ने 11 प्रत्याशी घोषित कर दिए। INDI गठबंधन ने आठ प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पेश है अशोक सिंह की रिपोर्ट...।
अशोक सिंह, वाराणसी। पूर्वाचल ही नहीं देश की वीवीआइपी सीट वाराणसी पर भाजपा ने अपनी पहली सूची में ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम की घोषणा कर दी। आइएनडीआइ गठबंधन में वाराणसी सीट कांग्रेस के खाते में गई है। कांग्रेस भी इस सीट से पीछे नहीं रही और पहले ही अपने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को मैदान में उतार चुकी है।
बसपा ने यहां से अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। वैसे पूर्व के चुनावों में बसपा ने इस सीट पर कोई खास प्रदर्शन नहीं किया था।
क्षेत्र की चंदौली सीट पर भाजपा के केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डा. महेंद्र नाथ पांडेय पहले ही प्रत्याशी घोषित किए जा चुके हैं। वैसे इस सीट पर सपा ने भाजपा से पहले ही पूर्व मंत्री विरेंद्र सिंह को उतारा दिया था।
यहां से बसपा ने सत्येंद्र मौर्य को टिकट दिया है।
एक अन्य वीआइपी सीट आजमगढ़ में भाजपा के वर्तमान सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ दोबारा प्रत्याशी हैं। सपा ने मुलायम सिंह यादव परिवार के धर्मेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया है। धर्मेंद्र यादव 2022 में हुए उपचुनाव में यहां से मैदान में उतरे थे। तब उन्हें निरहुआ से हार का मुंह देखना पड़ा था। यहां से बसपा ने अभी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। वैसे बसपा ने आजमगढ़ जनपद की लालगंज सीट से डा. इंदू चौधरी को मैदान में उतारा है। यहां से बसपा की सांसद संगीता आजाद पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गईं हैं।
लालगंज से सपा के प्रत्याशी दरोगा प्रसाद सरोज और भाजपा से नीलम सोनकर हैं। नीलम सोनकर यहां से दोबारा भाजपा की प्रत्याशी हैं। घोसी सीट एनडीए से सुभासपा के खाते में गई है। सुभासपा ने यहां से पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद को प्रत्याशी बनाया है। यहां से सपा प्रत्याशी राजीव राय और बसपा प्रत्याशी पूर्व सांसद बाल कृष्ण चौहान प्रत्याशी हैं।
भदोही सीट पर भाजपा ने मीरजापुर के मझवां से विधायक विनोद सिंह को प्रत्याशी बनाया है। आइएनडीआइए ने यह सीट तृणमूल कांग्रेस को दिया है। यहां से उसके प्रत्याशी ललितेशपति त्रिपाठी हैं। वह पूर्व विधायक हैं और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी परिवार के हैं।
सबकी निगाह गाजीपुर पर
गाजीपुर संसदीय सीट भी पूरे देश में चर्चा में है। अंसारी परिवार के प्रभाव वाली यह सीट मुख्तार अंसारी की जेल में मौत के कारण से भी चर्चा में है। यहां से 2019 में मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री रहे मनोज सिन्हा चुनाव हार गए थे। उन्हें बसपा के अफजाल अंसारी ने हराया था। अफजाल अब सपा के प्रत्याशी हैं। इस कारण बसपा अभी अपना प्रत्याशी घोषित नहीं की है।
भाजपा ने संघ के स्वयंसेवक पारस राय को मैदान में उतारा है।
अपना दल ने अभी नहीं खोले पत्ते
भाजपा गठबंधन में दो चुनावों से मीरजापुर और राबर्ट्सगंज सीट अपना दल एस के खाते में है।
मीरजापुर से अनुप्रिया पटेल और राबर्ट्सगंज से पकौड़ी लाल कोल सांसद हैं।
वैसे मीरजापुर से अनुप्रिया ही चुनाव लड़ेंगी। मीरजापुर में सपा से राजेश बिंद और बसपा से मनीष त्रिपाठी मैदान में हैं। राबर्ट्सगंज से पार्टी ने पत्ते नहीं खोले हैं। प्रत्याशी बदलने की चर्चा है। वैसे जिस प्रकार से एनडीए के प्रत्याशी बदल रहे हैं लेकिन जाति उनकी नहीं बदल रही है। ऐसे में कोल बिरादरी से ही कोई प्रत्याशी हो सकता है।
जौनपुर और मछलीशहर में अभी करना होगा इंतजार
लोकसभा क्षेत्र जौनपुर से भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। यहां से सपा, बसपा ने अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। बसपा के श्याम सिंह यादव तो सांसद हैं लेकिन उनकी स्थिति स्पष्ट नहीं है। यहां की मछलीशहर सीट पर भाजपा ने एक बार फिर वर्तमान सांसद बीपी सरोज को प्रत्याशी बनाया है। सपा ने अभी अपना प्रत्याशी नहीं घोषित किया है।