संगीतायन : घुमड़ते बादलों का राग 'मेघ मल्हार' का संबंध बादल घुमड़ने और बिजली के साथ वर्षा से उत्पन्न ध्वनियों से है
प्राचीनतम राग मेघ मल्हार का संबंध बादल घुमडऩे बिजली चमकने और धारासार वर्षा से उपजी ध्वनियों से है। ऐसे में धुनों की रचना फिल्मी गीतों में भी अमरत्व प्राप्त कर गीतों के जरिए घर घर में सस्वर गायन के जरिए पहचान रखते हैं।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Sun, 03 Jul 2022 12:15 PM (IST)
नई दिल्ली, प्रवीण कुमार झा। दरभंगा ध्रुपद घराने की एक कथा है कि अठारहवीं सदी का भीषण सूखा पड़ा। मिट्टी में दरारें पड़ गईं। किसान बूंद-बूंद पानी को तरस गए। एक गांव में दो भाइयों राधाकृष्ण और कर्ताराम मल्लिक ने मंदिर के प्रांगण में बैठकर आलाप लेना आरंभ। आंखें बंद करके ध्रुपद गाते हुए वे एक-एक स्वर को विस्तार दे रहे थे। जैसे-जैसे उनके स्वर ऋषभ, मध्यम, पंचम होते हुए कोमल निषाद तक पहुंचे, दूर बादलों का एक समूह आकाश में दिखने लगा। गांव में खुशी की लहर दौड़ गई।
जैसे ही उन दोनों गवैयों ने तेज झाला गाना शुरू किया, बूंदें गिरने लगीं और जब बंदिश के बाद लयकारी छिड़ी तो झमाझम बारिश होने लगी। पूरा गांव आनंदित होकर नाचने लगा। यह राग मेघ मल्हार था जो उन्होंने अपने गुरु भूपत खान से सीखा था।इस कथा को सुनकर वह जनश्रुति याद आती है जिसमें राग दीपक की आग में विदग्ध तानसेन का उपचार राग मल्हार गायक किया गया था। जहां तक इसके नाम का प्रश्न है यह पर्यावरण शोधन से भी जुड़ा हुआ है। मल्हार का अर्थ है, मल का हरण करने वाला। प्रकृति में ही नहीं मानव मन के मल को भी हर लेने वाला।
राग मेघ मल्हार सबसे पहले जन्मे छह रागों (भैरव, मालकौंश, श्री, दीपक, हिंडोल और मेघ) में से एक है। इसका संबंध बादलों के घुमडऩे, बिजली चमकने और वर्षा होने से उपजी ध्वनियों से है। इसे सुनते हुए ऐसी ही अनुभूति होती है। संगीत की भाषा में कहा जाए तो ऋषभ (रे) स्वर का आंदोलन और बाद में गमक वह प्रतीति लाता है जैसे काले बादल उमड़-घुमड़ कर गरज रहे हों। इस राग पर आधारित फिल्म 'मदर इंडिया' का 'दुख भरे दिन बीते रे भैया' और फिल्म 'चश्मेबद्दूर' का गीत 'कहां से आए बदरा, घुलता जाए कजरा' अत्यंत लोकप्रिय और अनुभूतिपरक रहे हैं।
ऐसा भी नहीं है कि इसे सिर्फ वर्षा की ध्वनियों से ही जोड़ा जाए। यह मूलत: रात्रि के दूसरे पहर का राग है, जब आप शैयासीन हों और पूरे दिन का तनाव खत्म करना चाहते हों। मन के सभी मल, सभी विकार धो देना चाहते हों। इस व्यस्त दुनिया में स्ट्रेस-फ्री जीवन की एक कुंजी है- मेघ मल्हार।
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