रेलवे में बुक अपने पार्सल पैकेट की खुद करें निगरानी, बारकोडिंग भी कराएगा रेलवे
रेलवे में बुक अपने पार्सल पैकेट की स्थिति जानने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। मोबाईल फोन पर बिल्टी संख्या और कोड डालते ही समान का लोकेशन फौरन पता चल जाएगा। दरअसल भारतीय रेलवे में पार्सल पैकेट पर बारकोडिंग करने की कवायद चल रही है।
वाराणसी, जेएनएन। रेलवे में बुक अपने पार्सल पैकेट की स्थिति जानने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। मोबाईल फोन पर बिल्टी संख्या और कोड डालते ही समान का लोकेशन फौरन पता चल जाएगा। दरअसल, भारतीय रेलवे में पार्सल पैकेट पर बारकोडिंग करने की कवायद चल रही है।
कोरोना काल के बाद रेलवे की पार्सल प्रबंधन प्रणाली में परिवर्तन किया जा रहा है। बीडीयू (बिजनेस डवलपमेंट यूनिट) के गठन के साथ रेलवे फ्रेट में नित नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। परिणामस्वरूप त्रासदी के बावजूद पार्सल एक्सप्रेस और मालगाड़ी चलाकर हजारों करोड़ रुपए का लाभांश अर्जित किया। इसके तहत पार्सल विभाग में कुछ नई तकनीकियां भी लाई जा रही है।
रेल उपभोक्ताओं की सुविधा में विस्तार
जीपीआरएस नेटवर्क के माध्यम से पैकेट का स्टेटस, अपग्रेडशन और बारकोड की स्किनिंग होगी। साथ ही पार्सल संबंधी सूचनाएं मोबाइल में भी प्राप्त होती रहेगी। यह सुविधा उपभोक्ताओं की व्यापार संबंधी सुविधा में विस्तार करते हुए दी जा रही है। रेलवे सूत्रों के अनुसार पार्सल प्रबंधन प्रणाली का अब कम्प्यूटरीकरण होगी। रेलवे को उम्मीद है कि आगामी वित्तीय वर्ष के दौरान पार्सल यातायात में टन भार 2,098 तक बढ़ेगी और पार्सल से रेलवे को एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व प्राप्त हो सकता है।
चार महीने पहले बुक होते है पार्सल
पार्सल की बुकिंग अग्रिम 120 दिनों की हो रही है। बुकिंग की इस नई सुविधा में पीएमएस (पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम) के तहत उपभोक्ताओं को अग्रिम 120 दिनों की पार्सल बुकिंग का लाभ मिल रहा है। आम आदमी इस सेवा का लाभ हाउस होल्ड सामानों, फर्नीचर, दोपहिया वाहन अन्य के लिए भी ले सकता है। पार्सल का चार्ज वजन और मात्रा के आधार पर होगा।