काशी के ठाठ ये गंगा के घाट : प्रथम राष्ट्रपति को समर्पित राजेन्द्र प्रसाद घाट
वाराणसी में प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद को समर्पित आरपी घाट पर दैनिक जागरण का काशी आनंद चर्चा में है।
By JagranEdited By: Updated: Sat, 16 Jun 2018 01:02 PM (IST)
वाराणसी : गंगा की अविरल धारा के बीच गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक कल कल करती गंगा के साथ संस्कृति और सरोकार की कड़ियां जुड़ी हुई हैं। इसी कड़ी में काशी के चौरासी प्रमुख घाटों में से एक है देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद को समर्पित आर पी घाट जहां पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का क्रम अनवरत चलता रहता है। फिलहाल दैनिक जागरण की ओर से नियमित तौर पर 'भारत आनंद- काशी आनंद' का सांस्कृतिक आयोजन अब घाट की विशेष पहचान बन गई है।
घाट की मान्यता है कि सभी प्रमुख घाटों के राज्य सरकार की ओर से जीर्णोद्धार के क्रम में वर्ष 1984 में इस घाट को भी पक्का कराया गया था। स्थानीय जानकारों के अनुसार पहले इसे घोड़ा घाट के रूप में मान्यता थी। प्राचीन मौर्य काल में यहां पर घोड़ों के खरीद और बिक्री का क्रम चलता रहता था। ख्यात ब्रिटिश इतिहासकार जेम्स प्रिसेंप ने भी अपनी यात्रा वृतांत में इसकी जानकारी समाहित की है। काशी के इतिहासकार मानते हैं कि आजादी के आसपास तक यहां घोड़ों के क्रय विक्रय का क्रम चलता रहा है। घाट पर ही दुर्गा, राम-जानकी और भगवान शिव को समर्पित मंदिर स्थापित हैं। वर्तमान में घाट पर सिंचाई विभाग की ओर से सीवेज पम्पिंग स्टेशन स्थापित है। घाट के नीचे फिलहाल नाविक अपनी नौका बांधने के साथ ही उसकी मरम्मत भी करते हैं। घाट की धार्मिक मान्यता होने की वजह से चैत्र नवरात्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा कार्तिक मास भर श्रद्धालुओं के आने जाने का क्रम बना रहता है। वहीं गंगा से जुड़े विविध आयोजन भी घाट पर होते रहते हैं।आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।