22 जनवरी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन घोषित किया जाए सार्वजनिक अवकाश, संत समिति ने PM मोदी को लिखा पत्र
Ram Mandir Pran Pratistha प्रभु श्रीराम की उनके जन्मस्थली पर प्राण-प्रतिष्ठा का महोत्सव परम पवित्र ऐतिहासिक क्षण है। सभी सनातन धर्मावलंबी उस दिन रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा उल्लिखित पंक्ति ‘नाथ सकल संपदा तुम्हारी मैं सेवक समेत सुत नारी’ के भाव से उस क्षण का साक्षी बन सकें इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 22 जनवरी को पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की जानी चाहिए।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। प्रभु श्रीराम की उनके जन्मस्थली पर प्राण-प्रतिष्ठा का महोत्सव परम पवित्र ऐतिहासिक क्षण है। सभी सनातन धर्मावलंबी उस दिन रामचरित मानस में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा उल्लिखित पंक्ति ‘नाथ सकल संपदा तुम्हारी, मैं सेवक समेत सुत नारी’ के भाव से उस क्षण का साक्षी बन सकें, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा 22 जनवरी को पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की जानी चाहिए। यह मांग उठाई है कि अखिल भारतीय संत समिति ने।
पीएम मोदी को लिखा पत्र
समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने इसके लिए प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि जब मंदिर के प्रथम तल पर भगवान रामलला अपनी जन्मभूमि पर 22 जनवरी, 2024 को विराजेंगे, उस समय पूरे विश्व का सनातन धर्मावलंबी हिंदू समाज उत्सव मनाएगा।जब आप रामजन्मभूमि के गर्भगृह में बैठकर आचार्यों के साथ प्राण-प्रतिष्ठा कर रहे होंगे, उस समय टीवी चैनलों पर पूरी दुनिया आपको और श्रीरामजन्मभूमि को पवित्र भाव से देख रही होगी। ऐसे में पति आफिस में, पत्नी घर पर और बच्चे स्कूल में रहेंगे तो सबका मन दर्शन से अधूरा रह जाएगा।
मूल अधिकार का दिया हवाला
श्रीरामचरितमानस की उक्ति मैं सेवक समेत सुत नारी... का भाव अधूरा रह जाएगा। इन 500 वर्षों के संघर्षों के समापन तथा भारत राष्ट्र के परमवैभव के प्रारंभ काल के ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने के लिए लोगों का सपरिवार घर और मंदिरों में होना आवश्यक है। यह अवकाश घोषित होना संविधान के मूल अधिकार में उल्लिखित धार्मिक-स्वतंत्रता के हमारे अधिकार को भी पोषित करेगा।
इसे भी पढ़ें: यूपी के इस जिले में आज बंद रहेंगे 12वीं तक के सभी स्कूल, ठंड के कारण डीएम ने दिए आदेश