रामनगर बलुआघाट: जलस्तर कम होते ही गिरे गजीबो के चारों पिलर, हादसे में जा चुकी है एक जान
रामनगर बलुआघाट पर भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। 10.50 करोड़ रुपये से बने पक्के घाट में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। बारिश के बाद गजीबो का गुंबद गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई थी। अब जलस्तर कम होने के साथ गजीबो के चारों पिलर भी गिर गए हैं। यूपीपीसीएल के अधिकारी बचने का रास्ता खोज रहे हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। रामनगर बलुआघाट पर भ्रष्टाचार का जिन बाहर निकलने के साथ मौत का घाट बन गया है। 10.50 करोड़ रुपये से 132 मीटर लंबा बना पक्का घाट में भ्रष्टाचार का जिन इस कदर समाया है कि उसे अब चाहकर भी दूर नहीं किया जा सकता है।
12 सितंबर को गजीबो (मंडपनुमा संरचना) का गुंबद गिरने से एक मजदूर की मौत होने के तीसरे दिन बारिश के पानी में डूब गया था। मंगलवार को बारिश का पानी कम होने के साथ गजीबो का बचा पिलर अचानक जमींदोज हो गया। यह देख दूर बैठे लोग हैरान हो गए।
आसपास के लोग डर के बारे पक्के घाट पर नहीं जा रहे हैं। पहले बारिश में जब पक्के घाट का यह हाल है तो आगे न जाने क्या होगा। इन सवालों का जवाब यूपीपीसीएल के किसी अधिकारी के पास नहीं है। निर्माणाधीन पक्का घाट भ्रष्टाचार सामने आने पर अधिकारी बचने का रास्ता खोज रहे हैं।
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12 सितंबर को दोपहर में बारिश के बाद अचानक गुंबद भर भराकर गिरने और उसमें बैठे चंदौली के रहने वाले 57 वर्षीय मेवालाल की दबने से मौत हो गई। पास के रहने वाले भाईलाल के कुत्ते की दबने से मौत हो गई थी।
घटना के दूसरे दिन जिलाधिकारी एस राजलिंगम की ओर से अपर जिलाधिकारी (नगर) आलोक वर्मा के नेतृत्व में गठित टीम में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आशुतोष सिंह, सिंचाई विभाग मंडी प्रखंड के अधिशासी अभियंता राजेश यादव, ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अधिशासी अभियंता विनोद राय पहुंचे। टीम ने प्राथमिक गुणवत्ता की जांच करने के साथ नमूना लेने के साथ आइआइटी बीएचयू भेज दिया है।
जांच रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। उधर, मंगलवार को गंगा का जलस्तर कम होने के साथ डूबा गजीबो दिखाई देने लगा। अचानक चारों पिलर संग जोड़ा गया हिस्सा जमीन पर गिर पड़ा। इसकी सूचना जैसे ही यूपीपीसीएल के अधिकारियों के पास पहुंचा उन्हें सांप सूंघ गया।
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