नीता अंबानी को बीएचयू का विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने किया खंडन
नीता अंबानी को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने की सूचना के बाद इस बात का खंडन जारी किया गया है। एएनआई के अनुसार उन्हें बीएचयू से कोई निमंत्रण नहीं मिला है। इस बाबत रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ओर से जानकारी देने की बात सामने आई है।
वाराणसी, जेएनएन। नीता अंबानी को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने की सूचना के बाद इस बात का खंडन जारी किया गया है। एएनआई के अनुसार, उन्हें बीएचयू से कोई निमंत्रण नहीं मिला है। इस बाबत रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ओर से जानकारी देने की बात सामने आई है। खंडन में इस आशय की खबरों को गलत बताते हुए किसी प्रकार की सूचना से इनकार किया गया है।
पूर्व में विभाग की ओर से सहमति संबंधी पत्र जारी कर कुलपति को लेटर भेजकर नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने की सूचना दी गई थी। इस मामले को लेकर छात्रों का विरोध शुरू हुआ तो विश्वविद्यालय में शीर्ष स्तर पर मंगलवार को बैठक कर मामले की जांच-पड़ताल भी की गई।
प्रो.कौशल किशोर मिश्रा बयान पर कायम
वहीं, दूसरी ओर बीएचयू के संकाय प्रमुख प्रो. के के मिश्र ने बताया कि उनको प्रस्ताव भेजा गया है, जिसके पर्याप्त साक्ष्य उनके पास उपलब्ध हैं। इस बाबत बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रो. के. के. मिश्र ने दो पन्नों का पत्र भी साझा किया है। पत्र पर प्रो.कौशल किशोर मिश्रा और समन्वयक निधि शर्मा के हस्ताक्षर के साथ ही कुलपति को प्रेषित किया गया है।
बीएचयू में छात्रों ने भी किया था प्रदर्शन
बीएचयू में इस बाबत सूचना मिलते ही छात्र धरना प्रदर्शन करने के लिए मंगलवार को कुलपति आवास तक पहुंच गए थे। वहीं, इंटरनेट मीडिया में भी प्रकरण को लेकर छात्रों की ओर से अभियान शुरू किया गया तो सियासी चर्चाएं भी शुरू हो गईं। दर्जनों छात्रों ने नारेबाजी कर विश्वविद्यालय में नीता अंबानी की नियुक्ति रद करने के लिए अपनी आवाज उठाई तो कुलपति ने भी मामले की जांच का आश्वासन दिया था। हालांकि, कुछ घंटों के प्रदर्शन के बाद छात्र आश्वासन के बाद वापस लौट गए और अगले दिन रिलायंस की ओर से इस आशय को लेकर खंडन जारी होने के बाद प्रकरण का पटाक्षेप हो गया।
दरअसल इस पत्र के हवाले से ही सूचना सबसे पहले बीएचयू की ओर से जारी की गई थी। उसके बाद से ही बीएचयू में छात्र आंदोलित होकर नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने का विरोध कर रहे थे। मंगलवार को वीसी लॉज के बाहर भी छात्रों ने विश्वविद्यालय का निजीकरण करने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद से ही विश्वविद्यालय परिसर में इस प्रकरण को लेकर काफी गहमागहमी बनी हुई थी।इंटरनेट मीडिया में भी इस प्रकरण को लेकर मुद्दादा बनाए जाने पर विश्वविद्यालय प्रबंधन के सामने असमंजस की स्थिति आ गई। हालांकि, रिलायंस की ओर से इस बात पर खंडन जारी होने के बाद अब इस प्रकरण पर विराम लग गया है। दूसरी ओर बीएचयू प्रशासन की ओर से एक पत्र जारी कर नियुक्ति की बाबत कोई भी आधिकारिक सूचना होने से इन्कार किया है।