UP News: रिलायंस की साझेदारी वाले संयंत्र को नहीं मिल रहा बिजली कनेक्शन, निवेश से पीछे हटी कंपनी
प्लांट के लिए 2950 केवीए के बिजली कनेक्शन के लिए पिछले साल दिसंबर में आवेदन किया गया था। दो करोड़ रुपये जमा करा दिए साथ ही फीडर में सबवे बनाने के लिए दो करोड़ रुपये से लाइन भी खींची गई है। कुछ माह पहले 23 लाख रुपये और जमा कराए गए। प्लांट पूरी क्षमता से शुरू हो जाता तो सरकार को एक करोड़ रुपये प्रतिमाह जीएसटी मिलता।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। उत्तर-प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की मंगलवार को कमिश्नरी सभागार में हुई जनसुनवाई में लोगों ने शिकायतों की झड़ी लगा दी। आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार से यहां के प्रमुख उद्यमी व बीडी वेंचर के प्रबंध निदेशक राजेश अग्रवाल ने बिजली विभाग के रवैये को लेकर कड़ा विरोध जताया।
बिजली अधिकारियों ने काशी ही नहीं, पूरे प्रदेश की छवि को नुकसान पहुंचाया है। यही कारण है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज वाराणसी में 1000 करोड़ रुपये के निवेश से पीछे हट गया है। राजेश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने मुकेश अंबानी के साथ मिलकर करखियांव में लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत से कैंपाकोला का प्लांट स्थापित किया है।
करीब एक करोड़ रुपये बिजली विभाग को बिल का भुगतान होता। लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं मिल पाने से प्लांट शुरू नहीं हो सका। प्लांट पर हमने बैंक से लोन लिया है, जिसका ब्याज दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की काशी में 1000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश की योजना थी। लेकिन अब उन्होंने निवेश के इस फैसले को रद कर दिया है।
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जनसुनवाई में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित अरविंद कुमार ने बताया कि प्रदेश में जल्द बिजली फिक्सेशन योजना लागू की जाएगी। टैरिफ प्लान को लेकर उपभोक्ताओं की जो भी शिकायतें आ रही हैं वह हमारे संज्ञान में है। जल्द ही उनका निस्तारण किया जाएगा।
पीएम सूर्य घर योजना को लेकर कहा कि नेट मीटरिंग का लाभ अब सभी सरकारी विभागों के साथ ही सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों को भी मिलेगा। अभी तक इसका लाभ सिर्फ घरेलू व निजी नलकूप उपभोक्ताओं को मिलता था।
इसे भी पढ़ें-अब 19 जुलाई से बदलेगा मौसम, 35 से अधिक जिलों में होगी बारिशअब उत्तर प्रदेश में नहीं कर सकते पांच वर्षों तक बिजली की दरों में वृद्धि काशी में बिजली दर की सुनवाई में उपभोक्ता परिषद ने बिजली कंपनियों की बोलती बंद कर दी। कहा, देश का कोई कानून नहीं जो उत्तर प्रदेश में अगले पांच वर्षों तक बिजली दरों वृद्धि कर सके। बिजली कंपनियां एक साथ 40 प्रतिशत दरों में कमी करें या तो अगले 5 वर्षों तक बिजली दरों में कोई भी बढ़ोतरी नहीं हो सकती।
कहा, प्रदेश के उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर 33122 करोड़ सरप्लस है। ऐसे में बिजली दर घटनी चाहिए। परिषद अध्यक्ष ने पूर्वांचल निगम में हर साल 1220 करोड़ की हो रही बिजली चोरी व विद्युत दुर्घटनाओं पर अफसरों को आड़े हाथों लिया।
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड प्रबंध निदेशक शंभू कुमार ने कहा कि कैंपाकोला प्लांट का बिजली कनेक्शन बड़े भार का है। इसके तहत उन्हें उपकेंद्र भी बनाना है और लाइन भी खींचनी है। प्लांट तक लाइन ले जाने के रास्ते में रेलवे लाइन आ रही है। संबंधित कंपनी द्वारा रेलवे से एनओसी नहीं लाने के कारण कनेक्शन देने में देरी हो रही है।
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