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खतरे के निशान से रिहंद डैम महज पांच फीट दूर, बढ़ते जलस्तर पर बढ़ा दी गई है निगरानी

रिहंद बांध का जलस्तर अधिकतम से मात्र पांच फीट कम रह गया है। डैम के डाउन स्ट्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर रहंद के बढऩे वाले जलस्तर का पूरा दबाब ओबरा डैम पर ही रहता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 17 Sep 2020 07:10 PM (IST)
खतरे के निशान से रिहंद डैम महज पांच फीट दूर, बढ़ते जलस्तर पर बढ़ा दी गई है निगरानी
सोनभद्र, जेएनएन। मानसून सत्र के दौरान ओबरा डैम के फाटकों के खुलने की संभावना को देखते हुए आरंभिक तैयारी शुरू कर दी गई है। रिहंद बांध का जलस्तर अधिकतम से मात्र पांच फीट कम रह गया है। डैम के डाउन स्ट्रीम प्रोजेक्ट के तौर पर रहंद के बढऩे वाले जलस्तर का पूरा दबाब ओबरा डैम पर ही रहता है। रिहंद की भारी क्षमता को देखते हुए ओबरा डैम के फाटकों का चुस्त दुरुस्त रहना आवश्यक रहता है। हालांकि बांध में पानी की आवक में भारी कमी हुई है।

छत्तीसगढ़ के सरगुजा और सूरजपुर जनपदों में बारिश में हुई भारी कमी के कारण रिहंद के जलस्तर पर सीधा प्रभाव पड़ा है। मानसून की शुरुआत में सूरजपुर जिले में सामान्य से ज्यादा बारिश होने के कारण जहां रिहन्द के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुयी वही जलविद्युत उत्पादन में निरंतरता बनी रही। सूरजपुर जिले में अभी तक समान्य बारिश 1055.5 मिलीमीटर के सापेक्ष 1241.9 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जो सामान्य से 18 फीसद ज्यादा है। वहीं सरगुजा जिले में फिलहाल बारिश की बुरी स्थिति है। सरगुजा में अभी तक सामान्य बारिश 1152.5 मिलीमीटर के सापेक्ष 33 फीसद कम 768 मिलीमीटर बारिश हुई है।

रिहंद के जलस्तर में वृद्धि हुयी धीमी

अगस्त और चालू सितंबर माह के 46 दिनों में जलस्तर में मात्र 15.3 फीट की वृद्धि हुई है। एक अगस्त को रिहंद का जलस्तर 851.6 फीट था जो 15 सितंबर को 866.9 फीट तक पहुंचा है। पिछले वर्ष सितंबर के अंतिम सप्ताह और अक्टूबर के दो सप्ताह में भारी बारिश हुई थी। जिसके कारण रिहंद के जलस्तर में लगभग आठ फीट की वृद्धि हुई थी। ऐसे में पुन: अनुमान लगाया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी रिहंद के लिए जलसंग्रहण करने वाले जनपदों में आने वाले दिनों में ज्यादा बारिश ना हो जाए। तब रिहन्द के फाटकों को खोलने की स्थिति बन जायेगी। जिसके बाद सीध दबाव ओबरा डैम पर पडेगा। जिसको देखते हुए ओबरा डैम के फाटकों की लगातार निगरानी रखी जा रही है। रिहंद के फाटक खुलने या वहां की इकाइयों के चलने से 15 हजार क्यूसेक पानी के भी आने से ओबरा डैम पर दबाव बढ़ जाता है। रिहन्द से निरंतर 25 हजार क्यूसेक पानी आने की संभावना पर ओबरा डैम के फाटक खोलने पड़ते हैं। पानी की आवक में निरंतरता रहने पर रिहन्द के जलस्तर के 870 फीट से ज्यादा होने पर ही रिहन्द बांध के फाटकों को खोल दिया जाता है। जिसके कारण 20 हजार से लेकर लाखों क्यूसेक पानी ओबरा डैम आने की संभावना रहती है। जिसको देखते हुए फाटकों को सही तरह से खुलना आवश्यक रहता है।

रिहंद और ओबरा डैम के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है

अगर ओबरा डैम के गेट खोलेने की स्थिति बनेगी तो विभाग इसके लिए तैयार है। गेट खोलने में कोई तकनीकि दिक्कत नहीं आएगी। रिहंद और ओबरा डैम के जलस्तर पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।

-ब्रिजेश कुमार सिंह, अवर अभियंता (मैकेनिकल), ओबरा बांध खंड।

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