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Varanasi: फाइल में बंद 'रिवर फ्रंट परियोजना', गंगा पार से रामनगर तक का किया जाना था विकसित; जमीन के क्रय-विक्रय पर रोक

River Front in Varanasi सरकार ने गंगा पार पड़ाव से रामनगर परिक्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से 2372 करोड़ खर्च कर सजाने व संवारने के लिए प्रस्ताव तैयार किया। इस परियोजना के लिए लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था नामित किया गया था। बताया जा रहा है कि विभाग ने सर्वे आदि कराया पर आगे कोई ठोस कदम नहीं बढ़ा सका।

By vikas ojha Edited By: riya.pandey Updated: Fri, 19 Jan 2024 08:59 AM (IST)
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पर्यटन की दृष्टि से गंगापार पड़ाव से रामनगर तक का क्षेत्र किया जाना था विकसित
जागरण संवाददाता, वाराणसी। गुजरात के रिवर फ्रंट की तर्ज पर सरकार ने गंगा पार पड़ाव से रामनगर परिक्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से 2372 करोड़ खर्च कर सजाने व संवारने के लिए प्रस्ताव तैयार किया। विधानसभा चुनाव से पूर्व कैबिनेट ने कार्य पूर्ण कराने को मंजूरी भी दी।

प्रस्ताव में सबसे प्रमुख गंगा के सामानांतर पड़ाव (मालवीय पुल के पास) से रामनगर तक प्रस्तावित 8.15 किलोमीटर फोरलेन सड़क निर्माण भी शामिल है।

इस सड़क निर्माण को लेकर पिछले डेढ़ साल से अधिक समय से रामनगर, डोमरी, कोदोपुर, सूजाबाद व चंदौली के कटेसर गांव में जमीन क्रय-विक्रय पर रोक लगी हुई है जबकि परियोजना फाइल में कैद है। कुछ लोगों को कहना है कि परियोजना पर ब्रेक लगा चुका है, तो कुछ का कहना है कि मामला हायर लेवल कमेटी के पास है।

निर्णय के बिना कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। बहरहाल, किसान परेशान है। किसान अपनी बेटी की शादी, बीमारी समेत किसी भी अन्य प्रयोजन में अपनी जमीन बिना अनुमति के बेच नहीं सकता है।

यह होने थे प्रमुख कार्य

  • श्रीकाशी विश्वनाथ के सामने तक पैदल यात्रियों के लिए सिग्नेचर ब्रिज
  • गंगा पार वृहद पार्किंग
  • किड्स जोन
  • अस्थाई होटल
  • पर्यटक बंग्ला
इस परियोजना के लिए लोक निर्माण विभाग को कार्यदायी संस्था नामित किया गया था। बताया जा रहा है कि विभाग ने सर्वे आदि कराया पर आगे कोई ठोस कदम नहीं बढ़ा सका।

एनजीटी की बाधा

इस परियोजना को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि गंगा किनारे टेंट सिटी के मामले में एनजीटी की आपत्ति के बाद से शासन- प्रशासन बैकफुट पर है। हालांकि कोई अधिकारी यह नहीं कह रहा है कि परियोजना खारिज हो चुकी है या परियोजना आगे चलेगी।

जिलाधिकारी एस राजलिंगम के अनुसार,  इस परियोजना को लेकर शासन से मार्गदर्शन मांगा गया है। शासन से आदेश मिलने के बाद इस पर आगे की कार्रवाई होगी। फिलहाल, जो भी आदेश पूर्व में जारी है वह प्रभावी रहेगा। 

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