Varanasi News: ‘रॉक ब्रेकर’ से टूटेगी गंगा में पथरीली सतह, 2.2 मीटर जलस्तर बनाए रखना चुनौती
वाराणसी इस समय विकास के रथ पर सवार है। इसी क्रम में वाराणसी से हल्दिया तक (राष्ट्रीय जलमार्ग-एक ) बनाया जा रहा है। बनारस के कैथी से गाजीपुर चकेरी तक गंगा 13 किमी खतरे के निशान से ऊपर 2.2 मीटर का जलस्तर चुनौती बनी हुई है। किसी नदी में जलमार्ग बनाने के लिए पहली बार यह तकनीकी अपनाई जाएगी। इसमें करीब 50 करोड़ से अधिक खर्च होने का अनुमान है।
संग्राम सिंह , जागरण वाराणसी। वाराणसी से हल्दिया तक (राष्ट्रीय जलमार्ग-एक) गंगा नदी में न्यूनतम 2.2 मीटर के जलस्तर पर ही जल परिवहन को गति मिलेगी। कई स्थानों पर इतना जलस्तर बनाए रखना चुनौती है। यही नहीं, वाराणसी के कैथी से गाजीपुर के चकेरी तक करीब 13 किमी. दायरे में नदी में मौजूद पथरीली सतह (फ्रेगमेंटेड राक) क्रूज व कार्गो (मालवाहक जहाज) के लिए खतरा है।इसको ‘रॉक ब्रेकर’ तकनीक से सख्त सतह को हटाया जाएगा। यह पहला मौका होगा जब किसी नदी की सख्त सतह को हटाने के लिए इस तकनीक का प्रयोग होगा। राष्ट्रीय जलमार्ग-एक में कुछ महीने पहले कार्गो को कैथी से चकेरी तक की पथरीली सतह के कारण पार करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी।
दस सेंटीमीटर से दो मीटर मोटी पथरीली सख्त सतह पूरी नदी में मौजूद है, यह काफी नुकीले भी हैं। इसके संपर्क में आने के बाद जलपोत में सुराख होने का खतरा रहता है। केंद्र सरकार ने यह गतिरोध हमेशा के लिए दूर करने के आदेश दिए हैं। चिह्नित स्पाट का सर्वे किया जा चुका है।इसे भी पढ़ें-सिद्धार्थनगर में चल रही भाजपा की बैठक में अचानक चलने लगे लात-जूते, देखें VIDEO
आइडब्ल्यूएआइ (भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण) ने पथरीली सतह को हटाने के लिए ग्लोबल टेंडर किया है। आइडब्ल्यूएआइ नोएडा के मुख्य अभियंता रविकांत ने बताया कि सख्त सतह हटाने की योजना को स्वीकृति मिली है। ‘रॉक ब्रेकर’ तकनीक से सख्त सतह को हटाया जाए।यह पहला मौका है जब किसी नदी की सख्त सतह को हटाने के लिए इस तकनीक को अपनाया जाएगा। दो महीने में कंपनी तय हो जाएगी, फिर कार्य शुरू होगा। प्रोजेक्ट में 50 करोड़ से अधिक खर्च होने का प्राथमिक आकलन किया गया है। आइडब्ल्यूएआइ नोएडा के मुख्य अभियंता तकनीकी वीके डियलानी ने बताया कि प्राधिकरण ने पथरीली सतह को चिह्नित किया है।
इसे भी पढ़ें-संगम नगरी के 40 हजार किसानों को मोदी सरकार की सौगात, अब मिलेगा बढ़े एमएसपी का लाभपानी कम होने से 300 टन माल के परिवहन में दिक्कतगंगा में जलस्तर मानक के अनुकूल रहे तो 300 टन माल की आवाजाही हो सकती है। इस समय बनारस से बलिया के मध्य कई स्थानों पर पानी 1.2 मीटर से भी कम है। इलेक्ट्रिक कैटामरान के बाद हाइड्रोजन क्रूज भी लोगों को प्रदूषण मुक्त नौका विहार का आनंद देगा, लेकिन मालवाहक जहाजों के संचालन के लिए जलमार्ग मुश्किल भरा है। सख्त सतह को हटाने के लिए कुछ साल पहले भी टेंडर हुआ था लेकिन कोई कंपनी नहीं आई थी।
चट्टान तोड़ने के लिए अभी तक इस्तेमाल होती रही है मशीन
रॉक ब्रेकर शक्तिशाली पर्क्यूशन हैमर है, जिसे कंक्रीट के ढांचे या चट्टानों को तोड़ने के लिए इस्तेमाल होता है। यह एक पिस्टन और छेनी का उपयोग करके उस सतह पर शक्तिशाली प्रभाव पैदा करने की तकनीक पर आधारित है।यह मशीन के एक सहायक हाइड्रोलिक सिस्टम से संचालित होता है। अभी तक यह खनन, निर्माण और भूनिर्माण उद्योगों में उपयोग किया जाता रहा है, क्योंकि अन्य तरीकों की तुलना में यह अधिक सटीक परिणाम देता है।
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