रुद्राक्ष बिल्डिंग को ग्रीन रेटिंग में मिला है तीन अंक, जानिए क्या होता है एकीकृत आवास आकलन की ग्रीन रेटिंग
ग्रीन रेटिंग फार इंटीग्रेटेड हैबिटाट एसेसमेंट यानि एकीकृत आवास आकलन यह संस्था बड़े निर्माण या वैश्विक भवनों के लिए जारी करती है। इसके द्वारा जारी रेटिंग भवन में कम ऊर्जा उपभोग और हरित भवन के साथ ही प्रदूषण उत्सर्जन कम करने के प्रयासों के जरिए रेटिंग जारी की जाती है।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Wed, 14 Jul 2021 04:49 PM (IST)
वाराणसी, इंटरनेट डेस्क। भारत और जापान के सहयोग से बनी रुद्राक्ष बिल्डिंग को Green Rating for Integrated Habitat Assessment यानि (GRIHA) एकीकृत आवास आकलन के लिए तीन ग्रीन रेटिंग हासिल हुआ है। ग्रीन रेटिंग फार इंटीग्रेटेड हैबिटाट एसेसमेंट यानि कि एकीकृत आवास आकलन यह संस्था बड़े निर्माण या वैश्विक भवनों के लिए जारी करती है। इसके द्वारा जारी ग्रीन रेटिंग भवन में कम ऊर्जा उपभोग और हरित भवन के साथ ही प्रदूषण उत्सर्जन कम करने के प्रयासों के जरिए रेटिंग जारी की जाती है।
GRIHA यानि गृह एक संस्कृत शब्द से लिया है जिसका अर्थ है - 'निवास'। मानव का आवास या इमारत विभिन्न तरीकों से पर्यावरण के साथ परस्पर क्रिया करते हैं। अपने पूरे जीवन चक्र में, निर्माण से लेकर संचालन और फिर विध्वंस तक वह ऊर्जा, पानी, सामग्री आदि के रूप में संसाधनों का उपभोग करते हैं और कचरे को सीधे नगरपालिका कचरे के रूप में या अप्रत्यक्ष रूप से बिजली उत्पादन से उत्सर्जन के रूप में उत्सर्जित करते हैं। कुछ राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य सीमाओं या मानदंडों के भीतर भवन के संसाधन खपत, अपशिष्ट उत्पादन और समग्र पारिस्थितिक प्रभाव को कम करने का प्रयास यह संस्था करती है।
ऊर्जा खपत, अपशिष्ट उत्पादन, नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने आदि जैसे पहलुओं को मापने का प्रयास संस्था के द्वारा होता है ताकि इसे सर्वोत्तम संभव सीमा तक प्रबंधित, नियंत्रित और कम करके पर्यावरण के अनुकूल घोषित किया जा सके। यह एक रेटिंग उपकरण है जो लोगों को कुछ राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य बेंचमार्क के खिलाफ अपने भवन के प्रदर्शन का आकलन करने में मदद करता है। रेटिंग के जरिए हरित भवन का गठन करने के लिए एक निश्चित मानक भी संस्था प्रदान करती है। इस प्रणाली को नए भवनों को 'डिजाइन और मूल्यांकन' करने में मदद करने के लिए विकसित किया गया है। एक इमारत का मूल्यांकन उसके पूरे जीवन चक्र पर उसके अनुमानित प्रदर्शन के आधार पर किया जाता है।
पूर्व-निर्माण चरण में इंट्रा और इंटर साइट मुद्दे जैसे सार्वजनिक परिवहन से निकटता, मिट्टी का प्रकार, भूमि का प्रकार, जहां संपत्ति स्थित है, निर्माण गतिविधि शुरू होने से पहले भूमि पर वनस्पति और जीव, प्राकृतिक परिदृश्य और भूमि विशेषता पर विचार रेटिंग के दौरान किया जाता है। भवन योजना और निर्माण चरण में संसाधन संरक्षण और संसाधन मांग में कमी, संसाधन उपयोग दक्षता, संसाधन वसूली और पुन: उपयोग, और रहने वाले स्वास्थ्य और कल्याण के प्रावधान भी होते हैं। जिन प्रमुख संसाधनों पर विचार किया जाता है उनमें भूमि, जल, ऊर्जा, वायु और हरित आवरण यानि पेड़ पौधे शामिल हैं। इसके बाद भवन संचालन और रखरखाव चरण आता है जिसमें भवन प्रणालियों और प्रक्रियाओं के संचालन और रखरखाव के मुद्दे, ऊर्जा खपत की निगरानी और रिकॉर्डिंग के साथ ही स्वास्थ्य और कल्याण के साथ वैश्विक और स्थानीय पर्यावरण को प्रभावित करने वाले मुद्दे शामिल होते हैं।
इससे व्यापक पैमाने पर प्रणाली ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करके, ऊर्जा की खपत को कम करने पर जोर देती है। इससे आराम के स्तर काे त्याग किए बिना ही कम ऊर्जा की खपत की जाती है। इससे पानी की भी खपत कम होती है। रीसाइक्लिंग और अपशिष्ट उत्पादन के साथ कम प्रदूषण आदि को शामिल करते हुए मानकों पर ग्रीन रेटिंंग जारी की जाती है। इस लिहाज से रुद्राक्ष को तीन अंक हासिल हुए हैं। इसका अर्थ यह है कि भवन में अपेक्षाकृत कम ऊर्जा उपभोग, हरियाली, जल संरक्षण, ग्रीन हाउस गैसों का कम उत्सर्जन के साथ ही रिसाइक्लिंग पर जोर दिया गया है।
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