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Sampurnanand Sanskrit University : कोराना संक्रमण के चलते फंसी हजारों छात्रों की उपाधियां

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों को अब भी उपाधि का इंतजार है। कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2019 के छात्रों की उपाधि अब तक तैयार नहीं हो सकी है। इसके चलते शास्त्री-आचार्य के परीक्षार्थियों को अस्थाई उपाधि से काम चलाना पड़ रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 07 Jan 2021 12:05 PM (IST)
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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों को अब भी उपाधि का इंतजार है।
वाराणसी, जेएनएन। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों को अब भी उपाधि का इंतजार है। कोरोना महामारी के चलते वर्ष 2019 के छात्रों की उपाधि अब तक तैयार नहीं हो सकी है। इसके चलते शास्त्री-आचार्य के परीक्षार्थियों को अस्थाई उपाधि से काम चलाना पड़ रहा है। स्थाई उपाधि के लिए छात्र विश्वविद्यालय व महाविद्यालय के चक्कर काट रहे हैं। स्थाई उपाधि कब तक मिलेगी छात्रों को यह बताने वाला कोई नहीं हैं। इसे लेकर छात्रों में रोष भी है।

पहले विश्वविद्यालयों में दीक्षा समारोह तीन साल या पांच साल पर होते थे। दीक्षा समारोह के चक्कर में छात्रों को स्थाई उपाधि परीक्षा पास होने के तीन-चार वर्ष बाद मिलती थी। छात्रों को अस्थाई उपाधि पर वर्षों काम चलाना पड़ता था। वहीं अस्थाई उपाधि छह माह के लिए वैध होती है। ऐसे में छह माह छात्रों को अस्थाई उपाधि के लिए दोबारा शुल्क जमा करना पड़ता है। इसके अलावा स्थाई डिग्री के अभाव में उनकी सर्विस स्थाई नहीं होती थी। छात्रों की समस्याओं को देखते हुए राजभवन ने विश्वविद्यालयों को प्रतिवर्ष दीक्षा समारोह आयोजित करने का निर्देश दिया। यही नहीं राजभवन अब राज्य विश्वविद्यालयों में दीक्षा समारोह का बकायदा टाइम टेबल जारी कर रहा है। इसका परिणाम यह है कि विश्वविद्यालयों में अब हर वर्ष दीक्षा समारोह आयोजित किया जा रहा है। इसके बावजूद उपाधियां तैयार करने में विश्वविद्यालय स्तर पर हीलाहवाली की जा रही है। दीक्षा समारोह में मेधावियों को उपाधि बांटकर कोरम पूरा किया जा रहा है।

संविवि के परीक्षा नियंत्रक विश्वेश्वर प्रसाद ने बताया कि कोरोना काल के चलते इस वर्ष उपाधि तैयार करने में थोड़ा विलंब हुआ। अब सभी 20 हजार छात्रों की उपाधि तैयार कर ली गई है। संबद्ध कालेजों को सत्र 2020-21 के छात्रों की नामावली जमा करने के लिए 30 जनवरी तक विश्वविद्यालय में बुलाया गया है। इस दौरान वर्ष 2019 की उपाधि व वर्ष 2020 का अंकपत्र भी वितरित करने की योजना है।

विद्यापीठ में भी नहीं तैयार की जा सकी है उपाधि

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में भी अब तक वर्ष 2019 के सभी परीक्षार्थियों की उपाधि नहीं तैयार की जा सकी है। विद्यापीठ के कुलसचिव डा. एसएल मौर्य का कहना है कि छात्रों के डिमांड पर उन्हें एक-दो दिन में स्थाई उपाधि उपलब्ध करा दी जाती है। बैक व श्रेणी सुधार के कारण परीक्षा उत्तीर्ण करने के एक साल बाद उपाधि तैयार की जाती है।

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