हिंदू और हिंदुत्व के प्रति षडयंत्रों का जवाब देगा संत समाज, आयोजित करेगा 13 सम्मेलन
अखिल भारतीय संत समिति प्रदेश में काशी अयोध्या प्रयाग वृंदावन समेत 13 स्थानों पर संत सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। सम्मेलन के संयोजन में विश्व हिंदू परिषद के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व श्रीकाशी विद्वत परिषद भी सहभागी होगा।
By Abhishek SharmaEdited By: Updated: Sat, 01 Jan 2022 02:56 PM (IST)
वाराणसी, जागरण संवाददाता। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही नेताओं के बिगड़े बोल सामने आने लगे हैं। इसमें हिंदुत्व और हिंदू समाज को भी निशाने पर लिया जा रहा है। संत समाज ने इसे हिंदू समाज के प्रति षडयंत्र करार दिया है। साथ ही इसका जवाब देने का निर्णय भी लिया है। इसके लिए अखिल भारतीय संत समिति प्रदेश में काशी, अयोध्या, प्रयाग, वृंदावन समेत 13 स्थानों पर संत सम्मेलन आयोजित करने जा रही है। सम्मेलन के संयोजन में विश्व हिंदू परिषद के साथ ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व श्रीकाशी विद्वत परिषद भी सहभागी होगा।
वास्तव में हाल के दिनों में तमाम एेसे बयान सामने आए जो हिंदू, हिंदुत्व व संत समाज को आहत करने वाले थे। इसमें अखिल भारतीय संत समिति समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा चिलमजीवी और एकरंगा जैसे शब्दों के प्रयोग पर आपत्ति भी जताई गई। अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती ने साफ शब्दों में कहा कि संत समाज सम्मेलन के जरिए ऐसे छद्म समाजवादी व कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ जनजागरण अभियान चलाएगी जो लगातार सनातन हिंदुओं और उनकी परंपराओं पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
संत सम्मेलन का आयोजन काशी, विंध्याचल, प्रयागराज, अयोध्या, वृंदावन, चित्रकूट, बिठूर, शुक्रताल, ब्रजघाट व गढ़मुक्तेश्वर, कछला व सोरो, नैमिषारण्य, देवरिया में होगा। इसके लिए स्थानवार तिथियों पर विचार विमर्श किया जा रहा है, लेकिन इसे 11 जनवरी से शुरू कर फरवरी में पूरा कर लिया जाएगा। इसमें देश भर के संतों को भी बुलाया जाएगा।
सम्मेलन विशुद्ध धार्मिक होगा जिसमें हिंदू और हिंदुत्व के प्रति षडयंत्रों का जवाब दिया जाएगा। इसके जरिए हिंदू समाज की भावनाओं को चोट पहुंचाने वालों को बेनकाह किया जाएगा। धर्मानुरागी जनता को सजग किया जाएगा ताकि वह इस तरह के लोगों का खुद जवाब दे सके। इससे फिर कोई भी हिंदू व हिंदुत्व के प्रति षडयंत्र करना तो एेसा करने की सोच भी नहीं सकेगा।
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