बेटे की तरह पाला था… हर महीने भेजती थी दस हजार रुपये, वाराणसी में पांच लोगों की हत्या बनी मिस्ट्री!
वाराणसी में भदैनी निवासी गुप्ता परिवार के पांच सदस्यों की हत्या के मामले में पुलिस ने नए सुराग हासिल किए हैं। मुख्य आरोपी विशाल उर्फ विक्की का पता नहीं चला है लेकिन उसके बैंक अकाउंट से पता चला है कि उसकी ताई नीतू गुप्ता उसे हर महीने 10000 रुपये भेजती थी। विशाल के दोस्तों ने बताया कि वह पूजा-पाठ में समय बिताता था और पार्टियों में नहीं जाता था।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। भदैनी निवासी गुप्ता फैमिली के पांच लोगों की हत्या में मुख्य आरोपी विशाल उर्फ विक्की का सुराग पुलिस भले नहीं लगा पाई, लेकिन उस तक पहुंचने के प्रयास में नई-नई जानकारियां जरूर सामने आ रहीं है।
विशाल के बैंक अकाउंट खंगालने पर चौंकाने वाली बात सामने आई कि नीतू गुप्ता यानी विशाल की ताई (राजेंद्र गुप्ता की पत्नी) उसके खर्च के लिए प्रत्येक माह 10 हजार रुपये भेजती थी। नीतू की बेटी गौरांगी वर्षों बाद दीपावली पर्व पर घर आए विशाल की लंबी उम्र की कामना करते हुए भाई दूज टीका की थी। दो मामलों के सामने आने के बाद नए सिरे से बहस शुरू हुई कि आखिर विशाल के हाथ अपनों पर गोली दागने के से पूर्व कांपे क्यों नहीं?
पीजी के दोस्त बोले, ऐसा न था विशाल
भदैनी मर्डर से पर्दा उठाने के लिए पुलिस की कई टीमें अलग-अलग प्रांतों में विशाल का सुराग लगा रहीं। एक टीम तमिलनाडु के बेल्हौर पहुंची, जहां पीजी में रहकर विशाल एमसीए की पढ़ाई करता था। पुलिस उस पीजी (पेइंग गेस्ट) में जा पहुंची जहां विशाल रहता था। विशाल के साथियों से पुलिस ने पांच हत्या की कहानी बताई तो सभी सन्न रह गए। उनकी जुबां से बोल फूटे कि विशाल तो ऐसा नहीं था। वह तो हमारे पार्टियों का हिस्सा भी नहीं बनना चाहता था। कॉलेज के बाद उसका अधिकांश समय पूजा पाठ में बीतता था।
झूठ बोलकर की थी भतीजी अनुप्रिया की शादी
राजेंद्र गुप्ता ने अपनी भतीजी अनुप्रिया की शादी कपड़ा फैक्ट्री मालिक से करने के लिए झूठ बोला था। पुलिस को यह बात अनुप्रिया के पति ने बताई, जब उनसे सवाल किया कि चार हत्या के आरोपी के घर शादी कैसे की? जिस पर अनुप्रिया के पति ने बताया कि राजेंद्र ने उनसे झूठ बोला था। बताया कि मेरे छोटे भाई कृष्णा और उनकी पत्नी बबिता की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई। इसलिए भतीजी के मां-पिता मैं और मेरी पत्नी नीतू ही हैं। अनुप्रिया ने भी मुझसे यह बात छिपाए रही। सच्चाई की जानकारी पांच हत्याओं से संबंधी खबर मीडिया में पढ़ने के बाद हो पाई।
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