Varanasi Ropeway: लाल सागर में समुद्री जहाज डायवर्ट, 20 दिन विलंब से मुंबई पहुंचेंगे रोपवे के पार्ट्स
Varanasi Ropeway मोनोकेबल डेटाचेबल गोंडोला का संचालन रोप के सहारे होना है। इसके लिए कैंट और रथयात्रा रोपवे स्टेशन पर दो बुलव्हील (चकरी)लगेंगे जबकि रोप के मूवमेंट के लिए रथयात्रा स्टेशन पर डायरेक्ट ड्राइव मशीन स्थापित होगी। दूसरा सेक्शन (रथयात्रा गिरिजाघर और गोदौलिया स्टेशन) का भी काम जल्द शुरू होगा ऐसे में जलकल नगर निगम और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को अपनी संपत्तियां निर्धारित रूट से हटाने के आदेश हुए हैं।
संग्राम सिंह, जागरण, वाराणसी। Varanasi Ropeway देश की पहली अर्बन रोपवे परियोजना का पहला सेक्शन (कैंट, विद्यापीठ व रथयात्रा स्टेशन) जून के अंतिम सप्ताह तक पूर्ण होगा। यह कार्य और पहले करने की कोशिश थी, लेकिन पहले सेक्शन के रोपवे के पार्ट्स लेकर जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह मुंबई आ रहा समुद्री जहाज लाल सागर में तकनीकी समस्या की वजह से डायवर्ट कर दिया गया है।
यह उपकरण स्विटजरलैंड से आ रहा है, कुछ पार्ट्स पहले ही बनारस आ चुके हैं लेकिन इंस्टालेशन तभी किया जा सकता है, जब पूरे पार्ट्स आ जाएंगे। यह पार्ट्स 15 अप्रैल तक मुंबई पर पहुंचना था, लेकिन अब वह मई के प्रथम सप्ताह तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
रास्ते में फंसे इन प्रमुख उपकरणों के चलते प्रोजेक्ट में विलंब की भी संभावना है। 40 मीटर ऊंचे तीन टावरों के पार्ट्स और ढाई किमी रोप समेत कई प्रमुख उपकरण आने के बाद ही समय पर ट्रायल रन किया जा सकेगा।
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मोनोकेबल डेटाचेबल गोंडोला का संचालन रोप के सहारे होना है। इसके लिए कैंट और रथयात्रा रोपवे स्टेशन पर दो बुलव्हील (चकरी) लगेंगे, जबकि रोप के मूवमेंट के लिए रथयात्रा स्टेशन पर डायरेक्ट ड्राइव मशीन स्थापित होगी।
दूसरा सेक्शन (रथयात्रा, गिरिजाघर और गोदौलिया स्टेशन) का भी काम जल्द शुरू होगा, ऐसे में जलकल, नगर निगम और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को अपनी संपत्तियां निर्धारित रूट से हटाने के आदेश हुए हैं।
रथयात्रा से गोदौलिया तक करीब आधा किलोमीटर रास्ते में बिजली-पानी और सीवर लाइनें चिह्नित की गईं हैं, इन्हें अब शिफ्ट किया जाएगा। वाराणसी विकास प्राधिकरण ने समग्र प्रस्ताव मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा को भेजा है। उधर स्थापित होने वाले रोपवे के आठ टावरों के लिए पाइलिंग शुरू की गई है।हालांकि घोड़ा नाला और शाही नाला को सुरक्षित रखते हुए कार्य करने पर सहमति बनी है, एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लाजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड) के लिए यह काफी चुनौतीपूर्ण होगा। बुधवार को एनएचएलएमएल के सीईओ प्रकाश गौर निरीक्षण किया और बैठक में निर्देश दिए।
दूसरे सेक्शन के लिए वीडीए बनाएगा डायवर्जन प्लानदूसरे सेक्शन का क्षेत्र घनी आबादी वाला है, ऐसे में कार्य शुरू करने के लिए जिला प्रशासन ने वीडीए से रूट डायवर्जन प्लान मांगा है। अब तय हुआ है कि गिरिजाघर से गोदौलिया के बीच तीन चरणों में कार्य किए जाएंगे, जिसमें पहला चरण एकल मार्ग रहेगा, यानी एक लेन से कार्य होता रहेगा जबकि दूसरे लेन से ट्रैफिक जारी रखा जाएगा। चरणबद्ध तरीके से इसी पैटर्न पर काम होता रहेगा, इससे जनता को कम तकलीफ होगी।
रोपवे प्रोजेक्ट 809 करोड़ लागत3.75 किमी रूट5 रोपवे स्टेशन28 टावर लगेंगे148 गोंडोला से यात्रा6 मीटर प्रति सेकेंड की गति से संचालन1.5 टन गोंडोला का वजन800 किग्रा गोंडोला की क्षमताइसे भी पढ़ें- यूपी के इस शहर में बिजली विभाग ने बदली व्यवस्था, अब दो महीने में मिलेगा बिल
डिजिटल कार्ड और टोकन सिस्टम करेंगे किराये का भुगतानरोपवे सफर के लिए भुगतान की व्यवस्था मेट्रो जैसी होगी। डिजिटल कार्ड और टोकन सिस्टम से पेमेंट सुविधा होगी। अब किराया निर्धारण होने लगा है। रोपवे शुरू होने से काशी विश्वनाथ मंदिर जाने वाले भक्तों को सुविधा होगी, उन्हें कैंट स्टेशन से मंदिर तक पहुंचने में जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा।कैंट, विद्यापीठ व रथयात्रा स्टेशन तैयार कर लिया गया है। विश्व समुद्र कंपनी हैदराबाद को प्रोजेक्ट पूर्ण करना है। स्टेशन पर यात्रियों को हर तीन मिनट पर गोंडोला मिलेगा। गिरिजाघर में पार्किंग जोन व मरम्मत स्थल के रूप में विकसित करेंगे।
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