वाराणसी के इस्कॉन मंदिर में श्रीकृष्ण भक्ति की धूम, राधा- गोपाल का विग्रह कर रहा सम्मोहित
इस्कॉन मंदिर वाराणसी में नंद नंदन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया जा रहा है। कोरोना के वैश्विक संकट को देखते हुए मंदिर प्रबंधन समिति ने इस बार जन्माष्टमी महोत्सव में शारीरिक दूरी के पालन का विशेष ध्यान दिया है।
वाराणसी, जेएनएन। इस्कॉन मंदिर वाराणसी में नंद नंदन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव कृष्ण जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया जा रहा है। कोरोना के वैश्विक संकट को देखते हुए मंदिर प्रबंधन समिति ने इस बार जन्माष्टमी महोत्सव में शारीरिक दूरी के पालन का विशेष ध्यान दिया है। मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन हेतु विशेष व्यवस्था की गई है। पूरे मंदिर को देश- विदेश से मंगाए गए सुन्दर फूलों से सजाया गया। इन फूलों की सुबास चारों ओर सुगन्धित वातावरण का निर्माण कर रही है। भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह को राधा रानी के साथ आकर्षक रूपों में सजाया गया है। भगवान् की प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में विशेष मंगला आरती की गई। 24 घंटे मंदिर परिसर में श्री कृष्ण जन्म के आनंद से भावविभोर भक्तों द्वारा अखंड हरिनाम संकीर्तन किया गया।
मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं कथा व्यास अच्युत मोहनदास ने भगवान् श्रीकृष्णजन्म के विषय में कथा करते हुए कहा कि जिस प्रकार आज से 5000 वर्ष पूर्व भगवान् श्री कृष्ण ने कंस के अत्याचारों से त्रस्त देवकी माता एवं महाराज वसुदेव की पुकार सुनकर उनके पुत्र के रूप में अवतार लेकर उनके जीवन में व्याप्त अन्धकार को दूर किया था। आज भी जब दुनिया में हर तरफ विभिन्न आपदाओं के कारण तनाव एवं घोर निराशा का वातावरण बना हुआ है, ऐसे में भगवान् श्री कृष्ण का स्मरण-भजन करने से निश्चित ही सभी को मानसिक शान्ति व् आनंद की प्राप्त होगी। भय का नाश होगा। कथा उपरान्त मंदिर में विराजित श्रीराधा गोपाल के विग्रह का तीन किलो चांदी से निर्मित 21 कलशों द्वारा शुद्धोदक, फलोदक एवं पंचामृत से महाभिषेक किया गया। अर्धरात्रि में कृष्ण जन्म के अवसर पर इस्कॉन के भक्तों द्वारा श्री कृष्ण को 108 भोग अर्पित किये जाएंगे। एवं महाआरती की जाएगी। महा अभिषेक के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण इस्कॉन वाराणसी के यूट्यूब चैनल एवं फेसबुक पेज पर किया जाएगा। जिसका हजारों भक्त घर बैठकर भी आनंद ले सकेंगे।
बनाई गई दो वेब साइट्स : इस दौरान इस्कॉन वाराणसी द्वारा की जा रही गतिविधियों जैसे भगवद गीता के सन्देश को युवाओं एवं आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए आई.आई.टी. एवं एन.आई.टी. जैसे प्रसिद्ध संस्थानों से उत्तीर्ण विभिन्न इंजिनियर्स के सहयोग से बनाई गई दो वेबसाइट www.gitagyaan.com एवं www.kashiseva108.com के विषय में जानकारी दी. मंदिर प्रबंधन ने गीताज्ञान डॉट कॉम वेबसाइट के बारे में बताया कि इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति भगवदगीता की शिक्षा को कम समय में बड़ी सरलता से समझ सकता है। इस्कॉन के सदस्यों ने काशीवासियों से वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन करने की अपील की है। इस्कॉन के भक्तों द्वारा संचालित निःशुल्क प्रसाद वितरण कार्यक्रम ‘फ़ूड फॉर लाइफ’ एवं मंदिर के दैनिक सेवाओं में सहयोग करने हेतु इच्छुक पुण्यात्माओं से काशीसेवा 108 डॉट कॉम वेबसाइट पर यथासंभव दान करने का आग्रह किया गया है। मंदिर प्रबंधन समिति के चेयरमैन श्रीमान अच्युत मोहन दास ने बताया की शीघ्र ही इस्कॉन वाराणसी द्वारा एक नए एवं भव्य मंदिर के निर्माण की परियोजना विचाराधीन है, जिससे कृष्ण भक्ति के प्रचार कार्य में गति आएगी।
दूसरे दिन नंदोत्सव : जन्माष्टमी के अगले दिन नंदोत्सव के साथ-साथ इस बार इस्कॉन द्वारा अपने संस्थापक आचार्य श्री ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी का 125वां आविर्भाव उत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान मंदिर में विभिन्न कार्यक्रमों एवं प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया है।