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प्रदूषण मुक्त होगा श्रीकाशी विश्वनाथ धाम, मणिकर्णिका घाट से आने वाले धुएं को रोकने के लिए लगेगा एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को प्रदूषण से संरक्षण व भक्तों को प्रदूषण मुक्त वातावरण देने के लिए धाम क्षेत्र में एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगेगा। मशीन क्रय की तैयारी है। यह सीएसआर फंड से होगा। इसके लिए कुछ कंपनियां भी आगे आई हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Updated: Thu, 09 Jun 2022 06:20 AM (IST)
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मर्णिकर्णिका घाट पर प्रतिदिन लगभग दो सौ से अधिक शवों का अंतिम संस्कार होता है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को सजाने-संवारने के साथ ही संरक्षण की दिशा में भी काम शुरू हो गया है। मोक्ष तीर्थ मर्णिकर्णिका घाट धाम से सटा हुआ है। यहां प्रतिदिन 200 से अधिक शवदाह होते हैं। इससे वायु प्रदूषण का धाम क्षेत्र पर प्रभाव कम करने के लिए प्यूरीफिकेशन सिस्टम बाई आयोनाइजेशन लगाया जाएगा। इस तरह का सिस्टम नीति आयोग के दिल्ली स्थित दफ्तर में लगा है।

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के नव्य भव्य परिसर को को संरक्षित करने के साथ ही यहां भक्तों के स्वास्थ्य को लेकर मंदिर प्रशासन चिंतित है। वास्तव में शवदाह से हवा में राख के छोटे कण उड़ते हैं। वायु प्रदूषण का भी खतरा बरकरार रहता है। इस सिस्टम को सीएसआर फंड से लगाया जाएगा। शासन से कोई बजट नहीं दिया जाएगा।

प्रतिदिन लगभग दो सौ शव का अंतिम संस्कार

मर्णिकर्णिका घाट पर प्रतिदिन लगभग दो सौ से अधिक शवों का अंतिम संस्कार होता है। श्रीकाशी विश्वनाथधाम के नव निर्माण के बाद गंगा घाट पर बने प्रवेश द्वार से भक्तों का अब सर्वाधिक आगमन हो रहा है। यह प्रवेश द्वार बिल्कुल मर्णिकर्णिका घाट से सटा है। हालांकि इस क्षेत्र को दीवार बना कर ढका गया है लेकिन बिल्कुल सटे होने के कारण खास कर पुरुवा हवा चलने के दौरान इससे होने वाले प्रदूषण व गंध को भक्त भी महसूस करते हैं।

यूं काम करती है मशीन

यह मशीन हवा में मौजूद प्रदूषण फैलाने वाले तत्वों को ओजोन में बदल देती है। फिर वही ओजोन हवा को स्वच्छ बनाती है। इसके साथ ही गंदगी को शोषित कर लेती है।

प्रदूषण मुक्त वातावरण देने के लिए धाम क्षेत्र में एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगेगा

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम को प्रदूषण से संरक्षण व भक्तों को प्रदूषण मुक्त वातावरण देने के लिए धाम क्षेत्र में एयर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगेगा। मशीन क्रय की तैयारी है। यह सीएसआर फंड से होगा। इसके लिए कुछ कंपनियां भी आगे आई हैं।

-दीपक अग्रवाल, कमिश्नर।

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