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वंदे भारत की लोको पायलट को मिला प्रधानमंत्री शपथ ग्रहण समारोह का निमंत्रण, खुशखबरी मिलते ही हैरान रह गईं 'श्रीनी'

Prime Minister Narendra Modi take oath मूलत गाजीपुर निवासी श्रीनी के पिता पंकज श्रीवास्तव लोक निर्माण विभाग में अमीन के पद से सेवानिवृत्त हैं जबकि मां माया श्रीवास्तव हाउस वाइफ हैं। तीन बहनों में श्रीनी (डिप्लोमा इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग) सबसे छोटी हैं जबकि बड़ी बहन सारिका नामचीन कोचिंग संस्था में पढ़ा चुकी हैं उनसे छोटी शालिनी साइकोलाजी में गोल्ड मेडलिस्ट और इकलौता भाई अभिषेक इंजीनियर हैं।

By Rakesh Srivastava Edited By: Vivek Shukla Updated: Sat, 08 Jun 2024 01:53 PM (IST)
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बनारस रेल मंडल की सहायक लोको पायलट श्रीनी श्रीवास्तव। जागरण

जागरण संवाददाता, वाराणसी। बनारस रेल मंडल की सहायक लोको पायलट श्रीनी श्रीवास्तव के लिए शुक्रवार सुबह नई ऊर्जा और खुशियां लेकर आई। वह सोकर उठीं ही थीं कि रेल भवन से उनके मोबाइल पर फोन कर जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए आपका बुलावा आया है।

एक पल को श्रीनी झूम उठीं, लेकिन फिर सोंची आखिर मुझे ही क्यों? उनकी यह उधेड़बुन दिन में 11 बजे खत्म हुई, जब रेल अधिकारियों ने बताया कि उनका चयन वंदे भारत एक्सप्रेस को पूर्वाेत्तर रेल जोन में पहली महिला सहायक लोको पायलट के रूप में सफलता पूर्वक संचालन के लिए हुआ है। इसके बाद तो परिवार में होली-दीवाली की खुशियां मनने जैसी स्थित बन गई।

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श्रीनी ने बताया कि वह प्रधानमंत्री को उनकी दूरदर्शी सोच, विदेशों में भारत का कद ऊंचा करने के उनके प्रयास के लिए पसंद करती हैं। बताया कि मैं अप्रैल 2017 में सहायक लोको पायलट के रूप में ज्वाइन की, उसके बाद चुनौतियां भरी ड्यूटी करना मेरी शगल रही।

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मूलत: गाजीपुर निवासी श्रीनी के पिता पंकज श्रीवास्तव लोक निर्माण विभाग में अमीन के पद से सेवानिवृत्त हैं, जबकि मां माया श्रीवास्तव हाउस वाइफ हैं। तीन बहनों में श्रीनी (डिप्लोमा इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग) सबसे छोटी हैं, जबकि बड़ी बहन सारिका नामचीन कोचिंग संस्था में पढ़ा चुकी हैं, उनसे छोटी शालिनी साइकोलाजी में गोल्ड मेडलिस्ट और इकलौता भाई अभिषेक इंजीनियर हैं।

बताया कि प्रधानमंत्री के रूप में तीसरी बार शपथ लेते देखना जीवन की सबसे बड़ी खुशी होगी। सात जून को दिल्ली पहुंचना है, जिसकी व्यवस्था मेरा विभाग करेगा। उन्होंने खुद के नाम के चयन का श्रेय मां-पिता के बाद रेल अधिकारियों को देती हैं, जो उनमें हर पल कुछ नया करने की ऊर्जा भरते हैं। भारतीय रेल के 10 जोन से 10 लोको पायलट और सहायक लोको पायलट को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने को बुलाया गया है।

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